Arun Jaitley Passes Away: राजनीति के अजातशत्रु थे अरुण जेटली: विजय मल्होत्रा
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के निधन पर भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय कुमार मल्होत्रा गहरा दुख जताया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के निधन पर भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय कुमार मल्होत्रा गहरा दुख जताया है। उन्होंने कहा कि जेटली का निधन भाजपा के साथ ही पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है। मेरा उनके साथ वर्षो का संबंध था। जब मैं जनसंघ का दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष था उस समय वह श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में पढ़ते थे। उनकी प्रतिभा व लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के उपाध्यक्ष का चुनाव लड़ाने का फैसला किया और वह रिकॉर्ड मतों से जीते।
विजय कुमार मल्होत्रा ने बताया कि उसके अगले साल उन्हें अध्यक्ष पद के लिए खड़ा किया गया और वह विजयी हुए। आपातकाल लगने पर इन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया। अंबाला जेल में हम दोनों को एक ही वार्ड में रखा गया। जेल में भी वह हमेशा दूसरों को सांत्वना व सहारा देते थे।
छात्र राजनीति के समय से थे बेहद लोकप्रिय
छात्र राजनीति के समय से ही वह बेहद लोकप्रिय थे। वह शुरू से ही बहुत अच्छे वक्ता थे और उन्हें सुनने के लिए छात्रों की भीड़ जुटती थी। छात्र राजनीति के बाद जब उन्होंने वकालत शुरू की तो वहां भी वह शिखर पर पहुंचे। सर्वश्रेष्ठ सांसद का भी पुरस्कार उन्हें मिला। वह जिस क्षेत्र में भी गए वहां सर्वश्रेष्ठ रहे। वह प्रत्येक जिम्मेदारी को बखूबी निभाते थे।
राजनीति के अजातशत्रु थे : विजय मल्होत्रा
विजय कुमार मल्होत्रा ने कहा कि वित्त मंत्री के तौर पर भी उनका काम शानदार रहा है। राज्यसभा में उनके साथ काफी समय तक रहा। वह राजनीति के अजातशत्रु थे। सभी पार्टियों के लोगों के साथ उनके मधुर व व्यक्तिगत संबंध थे। दूसरी पार्टियों के नेताओं के साथ अच्छे संबंध होने के बावजूद भी वह अपनी पार्टी की निष्ठा व विचारधारा से कभी समझौता नहीं किया।
‘आपातकाल के विरोध में जेटली के नेतृत्व में निकला था पहला जुलूस’
पूर्व केंद्रीय मंत्री व राज्यसभा सदस्य विजय गोयल ने अरुण जेटली के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। साथ ही कहा कि उन्होंने अपने सहपाठी, सखा, शुभचिंतक व मार्गदर्शक को खो दिया है। उनसे लगभग 48 वर्षो का संबंध था। आपातकाल के विरोध में दिल्ली में पहला जुलूस उनके नेतृत्व में ही निकला था। वह प्रदर्शन के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉफी हाउस में चले गए, जहां से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। गोयल व अन्य छात्र नेता भी बाद में गिरफ्तार हो गए थे। जेल में रहते हुए भी दोनों के बीच पत्र के माध्यम से संपर्क बना रहता था।
विजय गोयल ने कहा कि 1971 में जब उन्होंने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में दाखिला लिया था, तब अरुण जेटली द्वितीय वर्ष में थे। इसके बाद जब जेटली दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष थे, तो गोयल सह सचिव चुने गए थे। विद्यार्थी परिषद, भारतीय जनसंघ से भाजपा में उन दोनों ने साथ-साथ सफर तय किया है। भारतीय जनता युवा मोर्चा के भी दोनों अध्यक्ष रहे और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री भी बने। अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में भी दोनों साथ-साथ रहे।
जेटली खाने-पीने के शौकीन थे। उनको पराठे पसंद थे। कॉलेज के दिनों में वह मसूरी व शिमला घूमने जाया करते थे। लोधी गार्डन में भी वह दोनों साथ में सैर किया करते थे और बाद में चाय पीते हुए वार्तालाप होती थी। जहां पर जेटली के साथ वह बैठते थे उस जगह को लोग जेटली कॉर्नर कहा करते थे। वह संगठन व सरकार में युवाओं का मार्गदर्शन करते थे।