दिल्ली को दहलाने की साजिश नाकाम, स्वतंत्रता दिवस से पहले अवैध हथियारों का जखीरा बरामद
2 कार्बाइन, 50 पिस्टल, 50 कारतूस व 19 मैग्जीन बरामद। 10 साल में स्पेशल सेल ने मुंगेर बिहार से 400 अवैध हथियार निर्माता व तस्करों को पकड़ा है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने स्वतंत्रता दिवस से पूर्व राजधानी के दो अलग-अलग इलाकों से दो हथियार तस्करों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से अवैध हथियारों का जखीरा बरामद हुआ है। इसमें दो कार्बाइन, 50 पिस्टल, 50 कारतूस व 19 मैग्जीन शामिल हैं।
पश्चिम बंगाल के मालदा से लाए गए इन हथियारों की दिल्ली-एनसीआर के बदमाशों को आपूर्ति की जानी थी। स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव कुमार यादव के मुताबिक, गिरफ्तार तस्करों के नाम मोहम्मद अजीमुद्दीन शेख व सोयम उर्फ आस मोहम्मद है।
अजीमुद्दीन मालदा का रहने वाला है। पहले अजीमुद्दीन अपने भाई के साथ बिहार के मुजफ्फरपुर में कपड़े की दुकान पर काम करता था। पांच साल पहले वहीं पर उसकी मुलाकात हथियारों की तस्करी करने वाले अकील से हुई थी। जल्द अधिक पैसा कमाने के लिए वह अकील के लिए कैरियर का काम करने लगा। अकील की मालदा में अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री है। उसी के कहने पर अजीमुद्दीन दिल्ली, उत्तर प्रदेश व हरियाणा में बड़े गिरोहों को हथियारों की आपूर्ति करता था।
सोयम पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली का रहने वाला है। वह भी जल्द पैसा कमाने के लिए हथियार तस्कर सरवर के लिए कैरियर का काम करने लगा। सरवर के कहने पर वह मालदा से हथियार लाकर बदमाशों को आपूर्ति करता था। 6 अगस्त को सेल को सूचना मिली थी कि अजीमुद्दीन, हाजी कय्यूम को भारी संख्या में अवैध हथियारों की आपूर्ति करने आने वाला है। सेल की टीम ने तारा चौक, धीरपुर के पास उसे दबोच लिया। आरोपी दो ट्राली बैग में हथियार लेकर सड़क किनारे खड़ा था। बैग में दो कार्बाइन, 38 पिस्टल, 50 कारतूस मिले।
दूसरे मामले में सूचना के आधार पर 8 अगस्त को सेल ने जीटी करनाल रोड, सिंघोला गांव स्थित पेट्रोल पंप के पास से सोयम को दबोच लिया। उसके पास से 12 पिस्टल व 19 मैग्जीन मिले। अधिकारी के मुताबिक, पिछले दस सालों में स्पेशल सेल बिहार के मुंगेर में धावा बोलकर 400 से अधिक अवैध हथियार निर्माताओं व उनके कैरियर को दबोच चुकी है। स्पेशल सेल कहना है कि हथियार तस्करों ने अब मुंगेर की जगह मालदा को अपना नया ठिकाना बना लिया है। तस्कर पश्चिम बंगाल से ट्रेन से ट्राली बैग में हथियार दिल्ली लाते थे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों को जरा भी भनक नहीं लगना, रेलवे पुलिस की सुरक्षा व्यवथा पर सवाल खड़ा करता है।