फेसबुक व वाटसएप के जरिए गैंगस्टरों से डील कर बेचता था हथियार व कारतूस, दिल्ली पुलिस ने पकड़ा
जांच के दौरान लारेंस बिश्नोई से संबंधित फेसबुक प्रोफाइल की खोज की गई जो पता चला कि फेसबुक की सूची में हितेश राजपूत उर्फ हिरपाल सिंह का प्रोफाइल था जो बिक्री के लिए अवैध हथियारों की तस्वीरें पोस्ट किया था।
नई दिल्ली [राकेश सिंह]। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने फेसबुक व वाटसएप इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म के जरिए दिल्ली समेत कई राज्यों के गैंगस्टरों से संपर्क कर उनसे अवैध हथियारों व कारतूसों की डील कर बेचने वाले एक कुख्यात तस्कर को गिरफ्तार किया है। इसके खिलाफ पहले के 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं। तस्कर के पास से एक सेमी आटोमेटिक पिस्टल व दो कारतूस बरामद किए गए हैं। आरोपित राष्ट्र विरोधी तत्वों व पाकिस्तान के तस्करों के संपर्क में था। डीसीपी साइबर सेल केपीएस मल्होत्रा के मुताबिक गिरफ्तार किए तस्कर का नाम हितेश सिंह है। वह जोधपुर राजस्थान का रहने वाला है। इसकी गिरफ्तारी से सेल ने इंटरनेट मीडिया पर चल रहे हथियार तस्करों के मोडयूल का भंडाफोड़ किया है।
कारतूस के वीडियो को साझा कर करते थे बिक्री
इंटरनेट मीडिया पर निगरानी के दौरान पता चला था कि कुछ तस्कर फेसबुक व वाटस एप पर हथियारों व कारतूसों के वीडियो साझा कर बिक्री की पेशकश कर रहे हैं। इनमें सबसे प्रमुख समूह कुख्यात लारेंस बिश्नोई ग्रुप के नाम से समूह था। रोहिणी कोर्ट शूट आउट में गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की हत्या के बाद यह मामला अत्यंत महत्वपूर्ण था। इसलिए इसकी जांच साइबर सेल को दे दी गई।
हरियाणा के मानसेर से हुई गिरफ्तारी
जांच के दौरान लारेंस बिश्नोई से संबंधित फेसबुक प्रोफाइल की खोज की गई जो पता चला कि फेसबुक की सूची में हितेश राजपूत उर्फ हिरपाल सिंह का प्रोफाइल था, जो बिक्री के लिए अवैध हथियारों की तस्वीरें पोस्ट किया था। टेक्निकल सर्विलांस और ह्यूमन इंटेलिजेंस के जरिए पता लगा साइबर सेल की टीम ने हिरपाल को हरियाणा के मानेसर से पकड़ लिया। उसके मोबाइल फोन को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया। वह आदतन अपराधी है और राजस्थान की विभिन्न जेलों में बंद रहा है।
जेल में बदमाशों संग खराब हुई संगत
वहीं रहने के दौरान उसके अपराधियों के साथ जानपहचान हुई। चोरी के आरोप में उसे पहली बार गिरफ्तार किया गया। जेल से बाहर आने के बाद वह बाइक चोरी कर बेचने लगा। जेल में उसकी मुलाकात कुख्यात अपराधी धन सिंह पीपरोली उर्फ ठाकुर धनु प्रताप सिंह राठौर से हुई जो उसका गुरु बन गया। 2013 में हितेश सिंह जब जोधपुर जेल से जमानत पर रिहा हुआ तब धन सिंह पीपरोली ने उसे शैतान सिंह टेकरा (इनायत बस सेवा के मालिक) को मारने का काम दिया। हितेश सिंह ने सुनियोजित हत्या की योजना बनाई और साथियों के साथ मिलकर उसपर हमला किया लेकिन शैतान सिंह बाल-बाल बच गया। फायरिंग का कारण यह था कि निजी बस सेवा चलाने में शैतान सिंह पूरे राजस्थान में हावी था हितेश सिंह कभी राजस्थान के एक टोल पर डकैती में शामिल था जिसमें टोल के कर्मचारियों को जमीन पर लेटा कर बुरी तरह पिटाई की थी।