7वेें दिन में प्रवेश कर गई भूख हड़ताल, अन्ना हजारे बीमार लेकिन हिम्मत बरकरार
अब तक अन्ना का वजन 5.5 किलोग्राम कम हो चुका है। रक्तचाप भी 186/100 है जो कि काफी ज्यादा है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। 23 मार्च को रामलीला मैदान में सशक्त लोकपाल, चुनाव सुधार प्रक्रिया और किसानों की मांगों को लेकर शुरू हुआ समाजसेवी अन्ना हजारे का अनिश्चितकालीन अनशन बृहस्पतिवार को सातवें दिन में प्रवेश कर गया। जहां एक ओर अन्ना के आंदोलन में उम्मीद से बेहद कम भीड़ जुटने से उनके रणनीतिकार चिंतित हैं, तो केंद्र सरकार अन्ना के स्वास्थ्य को लेकर परेशान है।
यहां पर बता दें कि बुधवार को तबीयत खराब हो गई थी। इसके चलते शाम को नियमित तौर पर होने वाली पत्रकार वार्ता भी रद करनी पड़ी। अन्ना के स्वास्थ्य की देखरेख कर रहे डॉ. धनंजय ने बताया कि अब तक अन्ना का वजन 5.5 किलोग्राम कम हो चुका है। रक्तचाप भी 186/100 है जो कि काफी ज्यादा है।
शुगर के स्तर में भी काफी गिरावट आई है। ऐसे में उन्हें ज्यादा से ज्यादा आराम करने और पानी पीने की सलाह दी गई है। वहीं, पिछले दो दिनों से केंद्र सरकार की तरफ से महाराष्ट्र सरकार के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन और अन्ना के बीच हो रही बातचीत भी विफल हो गई है।
केंद्र सरकार की तरफ से जो मसौदा पेश किया गया उसे अन्ना ने ठुकरा दिया है। ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अन्ना से बातीचत करने आएंगे, लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से बातचीत के लिए कोई नहीं आया। अन्ना ने आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के साथ बातचीत असफल रही है।
सरकार किसानों को फसल लागत का डेढ़ गुना दाम देने पर राजी है, लेकिन कैसे देगी इसका उसके पास कोई जवाब नहीं है। सरकार के पास किसानों को लेकर कोई योजना नहीं है। लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति के मामले में भी कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि सरकार फसल की बिक्री का मूल्य निर्धारित करे। अगर किसानों को निर्धारित मूल्य से कम दाम मिलता है तो उसकी भरपाई सरकार करे।