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साइबर अपराध से मुकाबले के लिए प्रशिक्षण देने की जरूरत : अनिल बैजल

उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कहा कि साइबर अपराध से मुकाबले के लिए काम करने वाली एजेंसियों के अधिकारियों में कौशल की काफी कमी है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Fri, 23 Aug 2019 10:38 AM (IST)Updated: Fri, 23 Aug 2019 10:38 AM (IST)
साइबर अपराध से मुकाबले के लिए प्रशिक्षण देने की जरूरत : अनिल बैजल
साइबर अपराध से मुकाबले के लिए प्रशिक्षण देने की जरूरत : अनिल बैजल

नई दिल्ली, जेएनएन। साइबर अपराध से सुरक्षा को लेकर मंडी हाउस स्थित फिक्की ऑडिटोरियम में दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसका शुभारंभ दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने किया। इसमें साइबर अपराध के जाने-माने विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी।

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साइबर क्राइम से लड़ने के लिए हो पुख्‍ता इंतजाम
वक्ताओं ने साइबर अपराध की चुनौतियां पेश करने के साथ ही इससे लड़ने का पुख्ता इंतजाम किए जाने पर बल दिया। विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन व फिक्की के संयुक्त तत्वाधान में होमलैंड सिक्योरिटी 2019-इनोवेशन लेड साइबर क्राइम मैनेजमेंट विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम में उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कहा कि साइबर अपराध से मुकाबले के लिए काम करने वाली एजेंसियों के अधिकारियों में कौशल की काफी कमी है। खुफिया सूचना संग्रह, डेटा विश्लेषण, जांच तकनीक और डिजिटल फोरेंसिक के क्षेत्र में और काम किए जाने की जरूरत है।

लगातार बढ़ रहा अपराध का ग्राफ
वर्तमान में देश सहित दुनिया भर में साइबर अपराधों के ग्राफ में खतरनाक तरीके से वृद्धि देखी जा रही है। इसके लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारियों को प्रशिक्षण के साथ ही एक वैश्विक रणनीति के निर्माण पर कार्य करने की जरूरत है। साइबर अपराध किसी देश की सीमा से नहीं बंधा होता, इसलिए इससे पुख्ता तरीके से निपटने के लिए समन्वित दृष्टिकोण अपनाना होगा।

जीडीपी का ढाई फीसद होता है नुकसान
उन्होंने साइबर अपराध से मुकाबले के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मौजूदा कानूनी ढांचे के संशोधन की भी बात कही। राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक व लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. राजेश पंत ने कहा कि वर्तमान में वैश्विक स्तर पर साइबर अपराध के कारण औसत वैश्विक जीडीपी का 2.5 फीसद का नुकसान होता है। भारतीय रुपये में इसकी कीमत दो लाख करोड़ है।

बने साइबर सुरक्षा रणनीति 2020
वर्तमान में साइबर सुरक्षा नीति 2013 के तहत काम होता है। वहीं, राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति 2020 बनाने के लिए एक कार्यबल का गठन किया गया है। इसका मसौदा अगले दो महीनों में तैयार होने की उम्मीद हैं। मंत्रिमंडल के सामने रखने के बाद अगले वर्ष की शुरुआत में यह एक नई रणनीति के साथ सामने आएगा। इस मौके पर विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन के निदेशक और पूर्व उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ. अरविंद गुप्ता सहित राहुल चौधरी, विदुर गुप्ता, पार्टनर व राजन लूथरा ने भी लोगों को संबोधित किया। 

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