अमानतुल्ला खान पार्टी से सस्पेंड, कुमार विश्वास का बढ़ा कद
मंगलवार रात उन्हें मनाने की घंटों चली कोशिशों के बाद कुमार PAC की बैठक में शामिल होने को राजी तो हो गए थे, पर उन्होंने अरविंद केजरीवाल के सामने तीन शर्तें रख दी थी।

नई दिल्ली (जेएनएन)। कुमार विश्वास को भाजपा-RSS का एजेंट बताने वाले विधायक अमानतुल्ला खान को पार्टी से निलंबित करने के साथ ही आम आदमी पार्टी में चल रही कलह समाप्त हो गई। वहीं, पार्टी और खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कुमार विश्वास पर भरोसा जताते हुए उन्हें राजस्थान का प्रभार दिया है।
पीएसी की बैठक के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए कुमार विश्वास ने कहा कि यह किसी राजनीतिक महत्वाकांक्षा की लड़ाई नहीं है। हम सब की अरविंद केजरीवाल पर पूरी आस्था है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमें जनता के बीच जाकर काम करना है, ताकि दिल्ली की जनता का भरोसा हम जीत सकें।
Amanatullah's suspension ends rift in AAP, Vishwas promoted
— ANI Digital (@ani_digital) May 3, 2017
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उधर, मनीष सिसोदिया के मुताबिक, कुमार विश्वास को लेकर अमानतुल्ला खान ने बयान दिया उसे लेकर पीएसी ने नाराजगी जाहिर की थी, जिस पर पीएसी से उनका इस्तीफा हुआ था। इसी कड़ी में यह कार्रवाई की गई।
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इससे पूर्व मंगलवार रात मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया गाजियाबाद में कुमार विश्वास के घर पहुंचे थे। यहां से केजरीवाल कुमार विश्वास को अपने घर ले गए थे।
इस दौरान केजरीवाल ने कहा था कि कुमार विश्वास की कुछ नाराज़गियां हैं, लेकिन उन्हें पूरा यकीन है कि कुमार मान जाएंगे। इससे पहले कपिल मिश्रा, संजय सिंह, आशुतोष, अवतार सिंह कुमार विश्वास को मनाने उनके घर पहुंचे थे।
इससे पहले मंगलवार को मीडिया से बातचीत में भावुक होते हुए कुमार विश्वास ने कहा था कि 24 घंटे में तय कर लेंगे कि आगे क्या करना है। यहां तक कि उन्होंने पार्टी से अलग होने के भी संकेत दिए थे।
बताया जा रहा है कि मंगलवार रात उन्हें मनाने की घंटों चली कोशिशों के बाद कुमार PAC की बैठक में शामिल होने को राजी तो हो गए थे, पर उन्होंने अरविंद केजरीवाल के सामने तीन शर्तें रख दी थी। इनमें अमानतुल्ला को पार्टी से निकाला जाना भी शामिल था।
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सूत्रों के मुताबिक, आम आदमी पार्टी की पोलिटिकल अफेयर्स कमेटी (पीएसी) की बैठक में पार्टी विधायक अमानतुल्लाह खान को निकाले जाने और कुमार विश्वास को पार्टी में बरकरार रखने और पार्टी की अंदरूनी कलह पर काफी देर तक चर्चा हुई।
आखिरकार इसका समाधान निकालते हुए कमेटी ने ओखला से विधायक अमानतुल्ला का पार्टी से निलंबित करने के साथ कुमार विश्वास को राजस्थान का प्रभारी बनाने का फैसला लिया गया।
इसलिए बढ़ा था विवाद
पिछले दिनों AAP विधायक अमानतुल्ला खान ने कुमार विश्वास के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। विधायक ने आरोप लगाया था कि कुमार विश्वास पार्टी में फूट डालने की साजिश में जुटे हैं। अमानतुल्ला खान ने कहा था कि कुमार विश्वास जी आम आदमी पार्टी को हड़पना चाहते हैं और पार्टी को तोड़ना चाहते हैं, वो अपने घर पर विधायकों को बुलाकर कह रहे हैं कि मुझे पार्टी का संयोजक बनवाओ नहीं तो भाजपा में चलो। भाजपा हर एक को 30 करोड़ रुपये देने के लिए तैयार है।
इसके बाद मचे बवाल के बाद अमानतुल्ला खान ने पार्टी से जुड़ी निर्णय लेेने वाली सर्वोच्च संस्था पोलिटिकल अफेयर्स कमेटी (पीएसी) से सोमवार (एक मई) को इस्तीफा दे दिया था। अमानतुल्लाह ने रविवार (30 अप्रैल) को पार्टी के वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास को भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एजेंट कहा था। खान ने आरोप लगाया था कि विश्वास आप को तोड़ना चाहते हैं। विश्वास भी आप की पीएसी के सदस्य हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली महानगर पालिका (एमसीडी) चुनाव में आम आदमी पार्टी को भाजपा के हाथों मिली करारी हार के बाद पार्टी की अदंरूनी कलह खुलकर सामने आ गई थी। पार्टी के नेताओं के बीच जारी जारी बयानबाजी के बीच अरविंद केजरीवाल ने पार्टी की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था पीएसी की बुधवार को बैठक बुलाई थी।

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