अगस्ता हेलीकॉप्टर स्कैम: तिहाड़ जेल भेजे गए पूर्व वायुसेना अध्यक्ष एसपी त्यागी
अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील मामले में त्यागी ने आरोप लगाए हैं कि यूपीए शासन काल में हुई इस डील को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का ऑफिस भी शामिल था।
नई दिल्ली [जेएनएन]। वीवीआइपी हेलीकॉप्टर खरीद से जुड़े 450 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में आरोपी पूर्व वायुसेना अध्यक्ष एसपी त्यागी व दो अन्य को पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष सीबीआइ अदालत ने न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया है। आरोपियों की जमानत याचिका पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में 21 दिसंबर को सुनवाई होगी।
#AgustaWestland: All 3 accused including SP Tyagi sent to judicial custody till Dec 30; All 3 file bail applications in Patiala House Court.
— ANI (@ANI_news) December 17, 2016
न्यायाधीश अरविंद कुमार के समक्ष सीबीआइ ने रिमांड की अवधि खत्म होने के बाद त्यागी, उनके भाई (कजन) संजीव त्यागी व वकील गौतम खेतान को पेश किया था। अदालत को बताया गया कि उन्हें तीनों की आगे कस्टडी की जरूरत नहीं है। जिसके बाद उन्हें 30 दिसंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजने का निर्णय लिया गया। तीनों आरोपियों ने तुरंत ही अदालत के समक्ष जमानत की अर्जी लगाई। अदालत जमानत याचिका पर 21 दिसंबर को सुनवाई करेगी।
अगस्ता हेलीकॉप्टर घोटाला: एसपी त्यागी समेत सभी आरोपियों की रिमांड 3 दिन बढ़ी
इससे पूर्व सुनवाई के दौरान जांच एजेंसी की तरफ से कहा गया था कि पूरे षड्यंत्र की जड़ें विदेशों तक फैली हुई हैं, फिलहाल सबूतों के अभाव में हम लाचार हैं। सभी तथ्यों को एक सूत्र में बांधने के लिए उन्हें आरोपियों को कस्टडी में लेकर उनसे गहन पूछताछ की जरूरत है। पूरे अपराध का एक हिस्सा भारत में है, जबकि अन्य कई हिस्से इटली, मॉरीशस, स्विट्जरलैड व ब्रिटेन जैसे देशों तक फैले हैं।
यह पूरा मामला ब्रिटेन की कंपनी से 12 वीवीआइपी हेलीकॉप्टर खरीद के ठेके देने से जुड़ा है। त्यागी ने अदालत के समक्ष कहा था कि प्रधानमंत्री कार्यालय की स्वीकृति के बाद ही हेलीकॉप्टर खरीद के आदेश दिए गए। वहींं, सीबीआइ की तरफ से कहा गया कि त्यागी ने अपने कजन सहित कई अन्य लोगों को दलाली खाने के लिए षड्यंत्र में शामिल कर लिया था। सौदे से प्राप्त हुई रकम का इस्तेमाल उन्होंने प्रॉपर्टी व जमीन खरीदने में किया।
क्राइम ब्रांच के लिए चुनौती बना लापता नजीब, अब तक नहीं मिले पुख्ता सुराग