विधायकों के वाट्सएप ग्रुप से हटाने पर भड़की अलका लांबा, मांगा केजरीवाल का इस्तीफा
आम आदमी पार्टी ने अपने विधायकों के वाट्सएप ग्रुप से बागी नेता अलका लांबा को हटा दिया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। आम आदमी पार्टी ने अपने विधायकों के वाट्सएप ग्रुप से बागी नेता अलका लांबा को हटा दिया है। वाट्सएप ग्रुप से हटाने पर अलका लांबा ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि गुस्सा मुझ पर ही क्यों, गलत फैसलों के लिए अरविंद केजरीवाल इस्तीफा दें।
अलका लांबा ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जब सीएम के विधानसभा क्षेत्र में पार्टी तीसरे नंबर पर रही और 70 विधानसभा क्षेत्रों में हार हो, पार्टी की जमानत जब्त हो, जिम्मेदारी तो बनती है कि जिसने अकेले कमरे में बैठकर उम्मीदवार, मुद्दे और गठबंधन के साथ जाने का फैसला किया, उसे क्या सजा मिलनी चाहिए। क्या उसे इस्तीफा नहीं दे देना चाहिए।
दरअसल अलका लांबा पिछले काफी समय से अरविंद केजरीवाल और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से नाराज चल रहीं है। उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार भी नहीं किया था। लांबा ने कहा था कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा लगातार अनदेखी के कारण यह फैसला लिया है।
इसके साथ ही उन्होंने पार्टी संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविद केजरीवाल द्वारा ट्वीट कर दूसरे राज्यों से कार्यकर्ताओं के दिल्ली में आकर प्रचार-प्रसार करने की अपील पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि जब हमारी दिल्ली में सरकार है। 66 विधायक हैं। नगर निगम पार्षद हैं। 3 राज्यसभा सांसद हैं, फिर भी देश भर के कार्यकर्ताओं को दिल्ली आने की अपील करनी पड़ रही है। यह सार्वजनिक मंच से अपील करना दिल्ली इकाई की कमजोरी को दिखाता है।
पिछले वर्ष दिसंबर में सिख दंगा मामले में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न लेने के विधानसभा में रखे गए कथित प्रस्ताव के विरोध के बाद से ही लांबा और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में तनातनी चल रही है। उन्होंने दुखी मन से कहा था कि पिछले 4 महीनों से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने अभी तक मुझसे बात करना जरूरी नही समझा है।