Move to Jagran APP

EXCLUSIVE: माकन बोले- काम नहीं कर रही 'आप' सरकार, बिगड़ गए हैं दिल्ली के हालात

दिल्ली सरकार और यहां के स्थानीय निकाय काम ही नहीं करते। यहां की सरकार लकवाग्रस्त है। दिल्ली की मौजूदा स्थिति में सुधार करना तो दूर, उलटा उसे और बिगाड़ दिया गया है।

By Amit MishraEdited By: Published: Mon, 20 Aug 2018 04:32 PM (IST)Updated: Mon, 20 Aug 2018 05:47 PM (IST)
EXCLUSIVE: माकन बोले- काम नहीं कर रही 'आप' सरकार, बिगड़ गए हैं दिल्ली के हालात
EXCLUSIVE: माकन बोले- काम नहीं कर रही 'आप' सरकार, बिगड़ गए हैं दिल्ली के हालात

नई दिल्ली [जेएनएन]। हाल ही में केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रलय ने रहने लायक शहरों की सूची जारी की। दिल्ली का नंबर 65वां रहा है। 100 में से महज 33.18 अंक मिले हैं। रोजगार और आवास सहित बहुत से मानकों पर दिल्ली सरकार शून्य अंक पाकर बिल्कुल ही फिसड्डी साबित हुई है। आखिर दिल्ली के इस तरह पिछड़ते जाने की वजह क्या है, यहां के हालात क्यों नहीं सुधर पा रहे और कैसे बदलेगी दिल्ली की तस्वीर.. आदि पहलुओं पर दैनिक जागरण के मुख्य संवाददाता संजीव गुप्ता ने पूर्व केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्यमंत्री अजय माकन से बातचीत की। प्रस्तुत हैं मुख्य अंश...

loksabha election banner

सवाल- क्या वजह है कि रहने लायक शहरों में दिल्ली टॉप 50 में भी नहीं है?

जवाब- दिल्ली सरकार और यहां के स्थानीय निकाय काम ही नहीं करते। पिछले साढ़े तीन-चार साल से यहां की सरकार लकवाग्रस्त है। दिल्ली की मौजूदा स्थिति में सुधार करना तो दूर, उलटा उसे और बिगाड़ दिया गया है। एक नया स्कूल नहीं खोला गया, कोई नया अस्पताल नहीं बनाया गया, बिजली और पानी की उपलब्धता में कोई इजाफा नहीं किया गया। यहां तक कि अधिकारियों, उपराज्यपाल एवं पड़ोसी राज्यों तक से संबंध खराब कर लिए गए। ऐसे में तो हालात बिगड़ेंगे ही।

सवाल- दिल्ली सरकार का कहना है कि उसे काम ही नहीं करने दिया जा रहा?

जवाब- काम करने की तो न उसकी सोच है और न ही कार्यशैली। अधिकारी किसी भी सरकार की मशीनरी होती है, इस सरकार ने तो अहम की लड़ाई में अपनी मशीनरी ही खराब कर ली। रही बात केंद्र में विपक्षी सरकार होने की तो कांग्रेस के शासनकाल में भी ऐसा रह चुका है। देश में और भी कितने राज्य ऐसे हैं, जहां केंद्र की तरह भाजपा की सरकार नहीं है, लेकिन काम हर जगह हो रहा है। दिल्ली जैसा हाल कहीं का नहीं है। सच तो यह है कि काम करने की नीयत होनी चाहिए, जबकि केजरीवाल सरकार का एक सूत्रीय एजेंडा मोदी सरकार को कोसकर काम न करना और दूसरे राज्यों में अपना राजनीतिक विस्तार करना है।

अजय माकन दैनिक जागरण के लिए इमेज परिणाम

सवाल- आप सरकार दावा करते नहीं थकती कि उसने स्वास्थ्य, शिक्षा और बिजली-पानी के क्षेत्र में बहुत काम किया है? क्या ये दावा गलत है?

जवाब- विज्ञापनों और हकीकत में बहुत अंतर होता है। हकीकत यह है कि बिजली-पानी की उपलब्धता में रत्ती भर भी इजाफा नहीं हो पाया है। मुफ्त पानी का लाभ केवल एक सीमित वर्ग को मिल रहा है। दिल्ली ट्रांस्को की ट्रांसमिशन क्षमता में बढ़ोतरी न होने के कारण बिजली कटौती बढ़ने लगी है। सरकारी स्कूलों में एक लाख से ज्यादा बच्चे निकल गए हैं। दिल्ली में डेंगू एवं चिकनगुनिया के जितने मामले बीते चार वर्षो में सामने आए हैं, उतने पहले नहीं आए। दिल्लीवासियों को रोजगार देने के मामले में भी आप सरकार बिल्कुल असफल रही है। सुरक्षा और आवास सुविधाओं के मोर्चे पर भी यह सरकार विफल साबित हुई है।

सवाल- केंद्रीय मंत्रलय की रिपोर्ट में प्रदूषण और परिवहन के क्षेत्र में हालात बहुत खराब हैं, ऐसा क्यों है?

जवाब- बिल्कुल। यह स्थिति भी तब है जब दिल्ली सरकार ने इस साल ग्रीन बजट पेश किया है। बजट पेश करने के पांच माह में भी इस पर कोई ठोस काम नहीं हो पाया है। मशीनों से सड़कों की सफाई, पेड़ों की धुलाई और हेलीकॉप्टर से पानी के छिड़काव की योजना भी हवाहवाई हो गई। सार्वजनिक परिवहन के हालात तो और भी बुरे हैं। एक बस बढ़ी नहीं, उलटा करीब दो हजार बसें घट गई हैं। मेट्रो के चौथे चरण को भी आप सरकार ने कई साल से लटका रखा है। रैपिड रेल कॉरिडोर योजना को पौने दो साल से स्वीकृति नहीं दी गई है। ऐसे में हालात तो बिगड़ेंगे ही।

अजय माकन दैनिक जागरण के लिए इमेज परिणाम

सवाल- दिल्ली की रैंकिंग में सुधार के लिए क्या किया जाना चाहिए?

जवाब- सबसे पहले तो दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को अपनी सोच बदलनी होगी। यह पहली ऐसी सरकार है, जो सत्ता में होते हुए भी विपक्ष जैसा रवैया रखती है, इसीलिए अब भी धरने देने में लगी रहती है। दूसरे, सरकार को सही मायने में दिल्ली के लिए काम करना होगा। यह नहीं मुख्यमंत्री जहां केंद्र में सत्ता पाने की जुगत में लगे हैं, वहीं सरकार के मंत्री अन्य राज्यों में जाकर अपना जनाधार बढ़ाने में लगे रहते हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.