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डीयू खोलने के लिए आइसा ने शुरू की भूख हड़ताल, विश्वविद्यालय प्रशासन पर लगाया ये आरोप

Delhi University News Update आल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) और क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाइएस) के नेतृत्व में छात्रों ने नार्थ कैंपस में आर्ट फैकल्टी के बाहर सोमवार को प्रदर्शन किया। कई विद्यार्थी 48 घंटे तक भूख हड़ताल पर रहेंगे। विद्यार्थी डीयू खोलने की मांग कर रहे हैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 07:07 AM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 11:13 AM (IST)
डीयू खोलने के लिए आइसा ने शुरू की भूख हड़ताल

नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर में विद्यार्थियों को प्रवेश की अनुमति देने एवं आफलाइन कक्षाएं प्रारंभ करने की मांग अब जोर पकड़ने लगी है। आल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) और क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाइएस) के नेतृत्व में छात्रों ने नार्थ कैंपस में आर्ट फैकल्टी के बाहर सोमवार को प्रदर्शन किया। कई विद्यार्थी 48 घंटे तक भूख हड़ताल पर रहेंगे। विद्यार्थी डीयू खोलने की मांग कर रहे हैं।

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विद्यार्थियों ने कहा कि 18 महीने से डीयू बंद है। विद्यार्थी घर पर ही पढ़ाई करके परीक्षा दे रहे हैं। आनलाइन पढ़ाई की वजह से छात्र परेशान हो रहे हैं। कई छात्रों के पास लैपटाप या टैब नहीं है। दूर-दराज इलाकों में इंटरनेट की सुस्त रफ्तार पढ़ाई में बाधा बन रही है। विद्यार्थियों को अध्ययन सामग्री प्राप्त करने में भी परेशानी हो रही है। बावजूद इसके दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहा है।

प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों ने कहा कि डीयू ने सितंबर में परिसर खोलने की पहल की। अंतिम वर्ष के छात्रों को प्रयोगशाला और लाइब्रेरी के प्रयोग की इजाजत दी, लेकिन कक्षाएं आनलाइन चलाने का निर्णय लिया। इसके बाद से अब तक कोई सर्कुलर जारी नहीं हुआ। छात्रों ने मांग की है कि कालेज के सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों का टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए एवं फिर प्रवेश की अनुमति दी जाए।

अतिथि शिक्षकों ने पुनर्नियुक्ति की मांग को लेकर दिया धरना

वहीं, दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कार्य कर चुके पीजीटी अतिथि शिक्षकों ने पुनर्नियुक्ति की मांग को लेकर विधानसभा स्थित शिक्षा निदेशालय के कार्यालय के बाहर धरना दिया। शिक्षकों ने बताया कि लगभग दो हजार से ज्यादा पीजीटी अतिथि शिक्षकों को जून माह में कार्यमुक्त कर दिया गया था। लेकिन अभी तक उनकी पुनर्नियुक्ति नहीं हुई। अतिथि शिक्षकों के मुताबिक उन्होंने दो सप्ताह पहले भी जब शिक्षा निदेशालय के कार्यालय के बाहर धरना दिया था तो शिक्षा निदेशालय के अधिकारी ने उन्हें 16 अक्टूबर तक पुनर्नियुक्ति की सूची जारी करने को कहा था।


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