पी. चिदंबरम व कार्ति ने सहयोग नहीं करने का आरोप नकारा
ईडी ने 25 अक्टूबर को चिदंबरम के खिलाफ विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसमें चिदंबरम के अलावा आठ अन्य को नामजद किया गया था।
नई दिल्ली, जेएनएन। एयरसेल मैक्सिस मनी लांड्रिंग मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम ने कोर्ट में जवाब दाखिल कर सहयोग नहीं करने के आरोप को नकार दिया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ ने कोर्ट में कहा था कि चिदंबरम जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष अदालत ने दोनों आरोपितों को 26 नवंबर तक गिरफ्तार नहीं करने की अंतरिम राहत दे रखी है।
वहीं चिदंबरम की तरफ से दायर अग्रिम जमानत याचिका का ईडी विरोध जता चुकी है। ईडी ने कोर्ट में कहा था कि पूर्व वित्त मंत्री प्रभावशाली हैं और जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। मामले की जांच तभी पूरी हो सकती है, जब आरोपित को हिरासत में लेकर पूछताछ की जाए।
ईडी ने 25 अक्टूबर को चिदंबरम के खिलाफ विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसमें चिदंबरम के अलावा आठ अन्य को नामजद किया गया था। आरोप पत्र में चिदंबरम को आरोपित नंबर-1 बताया गया है। कार्ति के सीए एस भास्करन, एयरसेल के पूर्व सीईओ वी श्रीनिवासन, मैक्सिस से ऑगस्टस रॉल्फ मार्शल, एस्ट्रो ऑल एशिया नेटवर्क, एयरसेल टेलिवेंचर, मैक्सिस मोबाइल सर्विस, बुमि अरमदा, बुमि अरमदा नेविगेशन को नामजद किया गया है।
आरोप पत्र में कहा गया है कि पी चिदंबरम ने वित्त मंत्री रहते हुए विदेशी निवेश की मंजूरी गलत तरीके से दी। चिदंबरम के पास 600 करोड़ रुपये तक के निवेश की मंजूरी देने का अधिकार था, लेकिन यह डील उससे कई गुना ज्यादा निवेश की थी। कार्ति चिदंबरम के सील किए गए उपकरणों में से कई ईमेल मिले, जिनमें इस डील का जिक्र है।