मानसून की बारिश के बीच जारी हुआ दिल्ली समेत देश के 153 शहरों का एयर क्लालिटी इंडेक्स
Air Quality Index In India इस बार मानसून की जल्द आवक और बारिश की अच्छी शुरुआत से उत्तर मध्य दक्षिणी व पूर्वोत्तर भारत के ज्यादातर शहरों की हवा अच्छी हो गई है। सीपीसीबी ने 153 शहरों वायु गुणवत्ता सूचकांक जारी किया है।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दक्षिणी पश्चिमी मानसून की जल्द दस्तक व बेहतर शुरुआत ने गर्मी से तो राहत दिलाई ही है, प्रदूषण के दाग धोकर हवा को भी सांसें दी हैं। तेज हवा और बारिश के असर से उत्तर, मध्य, दक्षिणी और पूर्वोत्तर भारत के ज्यादातर शहरों की हवा सुधरकर अच्छी, संतोषजनक और मध्यम श्रेणी में आ गई है। दिल्ली-एनसीआर में सबसे शुद्ध हवा फिलहाल ग्रेटर नोएडा की है।
इस समय कमोबेश देश भर के लोग साफ हवा में खुलकर सांस ले रहे हैं। दिल्ली एनसीआर में तो इन दिनों 2022 की सबसे साफ हवा चल रही है। लगातार तीन दिनों से यहां का एयर इंडेक्स 100 से नीचे बना हुआ है। मौसम की मेहरबानी से अभी यह राहत बरकरार रहने की संभावना है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने रविवार को 153 शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स बुलेटिन जारी किया। इनमें 85 शहरों की हवा अच्छी, 60 की संतोषजनक और आठ की मध्यम श्रेणी में दर्ज की गई। खराब, बहुत खराब या खतरनाक श्रेणी में इस समय किसी भी शहर की हवा नहीं है।
पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार इस साल मानसून ने तय समय से छह दिन पूर्व ही पूरे देश को कवर कर लिया। इसी तरह दिल्ली-एनसीआर सहित ज्यादातर राज्यों में काफी अच्छी बरसात हो रही है। तेज हवा भी चल रही है। इससे प्रदूषण दब गया है, धूल कण बैठ गए हैं। इससे हवा काफी हद तक साफ हो गई है।
दिल्ली-एनसीआर का एयर इंडेक्स
- दिल्ली - 76
- फरीदाबाद - 84
- गाजियाबाद - 62
- ग्रेटर नोएडा - 62
- गुरुग्राम - 72
- नोएडा - 91
साफ हवा वाले कुछ प्रमुख शहर
- अंबाला - 52
- आगरा - 24
- बरेली - 50
- भिवाड़ी - 51
- चंडीगढ़ - 78
- कानपुर - 54
- लखनऊ - 69
- लुधियाना - 89
- मेरठ - 63
- पानीपत - 62
- रोहतक - 50
- सिलीगुड़ी - 52
- वाराणसी - 49
कितने एयर इंडेक्स पर हवा की कौन सी श्रेणी
- 0 से 50 : अच्छी
- 51 से 100 : संतोषजनक
- 101 से 200 : मध्यम
- 201 से 300 : खराब
- 301 से 400 : बहुत खराब
- 401 से 500 : गंभीर
- 501 से ऊपर : आपातकालीन
डा. डी साहा, सदस्य, विशेषज्ञ समिति, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय) का कहना है कि मार्च, अप्रैल और मई में इस साल शुष्क मौसम वाली स्थिति रही। धूल भरी आंधी भी चलती रही। इससे गर्मी के सीजन में भी प्रदूषत हवा में सांस लेने को मजबूर होना पड़ा। लेकिन जून से शुरू हुई मानसून की गतिविधियों से स्थिति बदलनी शुरू हो गई।
मौसमी बदलाव से हवा काफी साफ हो गई है। बंगाल की खाड़ी से चल रही दक्षिणी हवा भी वातावरण में प्रदूषक तत्वों को जमने नहीं दे रही है। वैसे भी हवा और बारिश प्रदूषण को दबा देती है। यह सुधार अभी लगातार कई दिन बरकरार रहने की संभावना है।