दिल्ली-एनसीआर में जहरीली हो चुकी है हवा, पांच नवंबर से भयावह हो सकते हैं हालात
पांच नवंबर से हवा की स्थिति फिर बिगड़ सकती है। प्रदूषण के गहराने की संभावना भी बनी हुई है। दिल्ली के ऊपरी हिस्से में हवाओं की गति मध्यम है, इसीलिए पराली का धुआं टिक नहीं पा रहा।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। एयर इंडेक्स के उतार-चढ़ाव के बीच शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर के अधिकांश इलाकों में प्रदूषण बेहद खराब स्थिति में ही रहा। हालांकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के एयर बुलेटिन के मुताबिक, प्रदूषण की स्थिति में मामूली सुधार भी हुआ। दिल्ली का एयर इंडेक्स 393 से गिरकर 370 पर आ गया। फरीदाबाद एनसीआर का इकलौता शहर रहा, जहां प्रदूषण खतरनाक श्रेणी में रहा। यहां का एयर इंडेक्स 406 रहा। गाजियाबाद में 370, ग्रेटर नोएडा में 376, गुरुग्राम में 386 और नोएडा में 366 के अलावा भिवाड़ी में एयर इंडेक्स 283 दर्ज किया गया।
सीपीसीबी के अनुसार, दिल्ली में इस समय पर्टिकुलेट मैटर (पीएम) 10 की बजाय 2.5 का स्तर चिंताजनक है। पीएम 2.5 के साथ मिलकर अन्य प्रदूषक तत्व भी बढ़ने लगे हैं। इनमें वह प्रदूषक तत्व और गैसें होती हैं, जो सीधे हवा में जाने की बजाय विभिन्न प्रदूषक तत्वों और गैस के रिएक्शन से बन रही हैं। इसमें नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड प्रमुख हैं। इन गैसों के बढ़ने से गर्मी बढ़ने लगती है।
सफर इंडिया के अनुसार, शुक्रवार को दिल्ली में पीएम 10 का औसतन स्तर 334 रहा, जो सामान्य से तीन गुना तक अधिक है। वहीं पीएम 2.5 का स्तर 210 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा, जो सामान्य से लगभग चार गुना अधिक है। सफर के पूर्वानुमान के अनुसार, अभी दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति इसी तरह की बनी रहेगी। अगले तीन दिन तक एयर इंडेक्स 350 के ऊपर ही रहेगा।
पांच नवंबर से बिगड़ सकती है स्थिति
पश्चिमी विक्षोभ का इस समय अच्छा असर दिख रहा है और इसकी वजह से प्रदूषण की स्थिति में भी थोड़ा सुधार हुआ है। अगले दो दिनों तक इसका प्रभाव दिखेगा। वहीं पांच नवंबर से हवा की स्थिति फिर बिगड़ सकती है। प्रदूषण के गहराने की संभावना भी बनी हुई है।
टिक नहीं रहा है पराली का धुआं
सफर के मुताबिक, इस समय दिल्ली-एनसीआर में जो प्रदूषण है, उसमें पराली की हिस्सेदारी भी केवल नौ फीसद है। पांच तारीख तक इसकी हिस्सेदारी 10 फीसद तक ही रहेगी। इसका कारण यह है कि इस समय दिल्ली के ऊपरी हिस्से में हवाओं की गति मध्यम है, इसीलिए पराली का धुआं टिक नहीं पा रहा।