एम्स के लैब तकनीशियन सहित परिवार के 12 लोग कोरोना से पीड़ित
एम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एक लैब तकनीशियन के कोरोना से पीड़ित होने का मामला सामने आया है। इसके परिवार के 12 लोग भी कोरोना के संक्रमण की चपेट में आ गए हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। एम्स में कोरोना का संक्रमण गंभीर समस्या बनती जा रही है। एम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एक लैब तकनीशियन के कोरोना से पीड़ित होने का मामला सामने आया है। हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि उन्हें संक्रमण कैसे हुआ, लेकिन परिवार में करीब 12 लोग कोरोना के चपेट में आ गए हैं।
सभी लोग हुए क्वारंटाइन
उन सभी को एम्स के झज्जर स्थित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआइ) में स्थानांतरित कर दिया गया है। इसके अलावा बताया जा रहा है कि माइक्रोबायोलॉजी विभाग के कई डॉक्टर, कर्मचारी व तकनीशियन क्वारंटाइन किए गए हैं।
परिवार के 12 लोग पॉजिटिव मिले
रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें एम्स के प्राइवेट वार्ड में भर्ती किया गया। साथ ही विभाग के लोगों व परिवार के लोगों की स्क्रीनिंग शुरू की गई। उनके परिवार में करीब 12 लोग हैं। वे सभी पॉजिटिव पाए गए हैं। उनको इलाज के लिए झज्जर परिसर में भेज दिया गया।
200 से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की तैयारी
एम्स में अभी तक एक डॉक्टर सहित चार कर्मचारियों के कोरोना से पीड़ित होने की बात सामने आ चुकी है। पहले फिजियोलॉजी के एक डॉक्टर कोरोना से पीड़ित हुए थे। इस वजह से उनकी पत्नी को भी कोरोना हो गया था। वे ठीक हो गए हैं। इसके बाद एक नर्स कोरोना की चपेट में आ गई थीं। अभी एक और नर्सिग कर्मचारी व इस लैब तकनीशियन को कोराना हुआ है। इस वजह से एम्स में 200 से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की तैयारी चल रही है। हॉस्टल परिसर में स्थित नाई की दुकान भी बंद करा दी गई है। क्योंकि, कोरोना पीड़ित नर्सिग अधिकारी वहां भी गए थे।
एम्स में नर्सिग कर्मचारी को संक्रमण से गैस्ट्रो वार्ड बंद
एम्स में गैस्ट्रोलॉजी विभाग के एक नर्सिंग कर्मचारी में संक्रमण की पुष्टि से एम्स प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। इससे विभाग के कई वरिष्ठ फैकल्टी व रेजिडेंट डॉक्टरों सहित करीब 45 कर्मचारी क्वारंटाइन किए गए हैं। छतरपुर निवासी नर्सिग कर्मचारी की जांच रिपोर्ट बुधवार को पॉजेटिव आई थी। इसके बाद उनके संपर्क में आए डॉक्टरों व कर्मचारियों को क्वारंटाइन कर जांच कराई गई।
एक डॉक्टर ने बताया कि इन सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। वहीं, एहतियात के दौर पर एबी वार्ड में भर्ती 27 मरीज, आइसीयू के चार मरीजों सहित वार्ड में भर्ती मरीजों को दूसरे वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया है। वहीं इमरजेंसी में गैस्ट्रों के रोगियों को मेडिसिन विभाग के वार्ड में भर्ती किया जा रहा है। जरूरत पड़ने पर गैस्ट्रो के डॉक्टर एंडोस्कोपी करेंगे, लेकिन मरीज की देखभाल मेडिसिन के डॉक्टर करेंगे।