डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा करने वालों की असल जगह जेल है:DMA
एम्स के रजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के जनरल सेकेट्री डॉ. हरजीत सिंह ने कहा कि हम महाराष्ट्र के डॉक्टरों का समर्थन करते हैं।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के रेजिडेंट डॉक्टरों ने महाराष्ट्र में जारी डॉक्टरों की हड़ताल का अनोखे तरीके से समर्थन किया। विरोध स्वरूप एम्स के करीब 1200 रेजिडेंट डॉक्टर महाराष्ट्र में हड़ताली रेजिडेंट डॉक्टरों के समर्थन में आपातकालीन विभाग में आज हेलमेट पहनकर काम पर आए ।
महाराष्ट्र में डॉक्टरों पर हमले को लेकर दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के राजेश गुप्ता ने नाराजगी जताई है।उऩ्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि जो डॉक्टरों के खिलाफ हिंसक व्यवहार कर रहे लोगों को देश में रहने का हक नहीं हैं। उनकी असली जगह जेल है।
Those who use violence against doctors should leave the country, their place is only in jail: Rajesh Gupta, Delhi Medical Association pic.twitter.com/r5JoS3Th1y— ANI (@ANI_news) March 23, 2017
बता दें कि महाराष्ट्र में 4000 से ज्यादा डॉक्टर अपने सहयोगियों पर लगातार हमले की पृष्ठभूमि में अस्पतालों में बेहतर सुरक्षा की मांग को लेकर सोमवार से काम पर नहीं आ रहे ।
एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. विजय गुर्जर के मुताबिक, बुरी तरह पीटे जाने वाले रेजिडेंट डॉक्टरों के बारे में कोई परवाह नहीं करता। रेजिडेंट डॉक्टरों को उनके कार्यस्थल पर सुरक्षा प्रदान करने की बजाए सरकार उनकी सैलरी काटने और उन्हें उनके हॉस्टलों से निकालने की धमकी दे रही है।
यह भी पढ़ेंः महाराष्ट्र की हड़ताल का असर एम्स में दिखा, दिल्ली के डॉक्टर भी हड़ताल पर
वहीं, एम्स के रजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के जनरल सेकेट्री डॉ. हरजीत सिंह ने कहा कि हम महाराष्ट्र के डॉक्टरों का समर्थन करते हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वो डॉक्टरी पेशे पर यकीन रखें और डॉक्टरों के साथ हिंसा ना करें।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में करीब 4,000 डॉक्टर अपने साथियों पर हुए हमलों के मद्देनजर कार्यस्थल पर सुरक्षा की मांग को लेकर सोमवार से विभिन्न सरकारी और नगर निगमों के अस्पतालों में हड़ताल पर हैं।