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DTC का इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने वाली कंपनी से करार, जानें- दिल्ली सरकार को गिफ्ट में क्या मिला

दिल्ली सरकार भी जल्द ही एक हजार इलेक्टिक बसें खरीदने की तैयारी कर रही है। वहीं कांग्रेस ने डीटीसी के इस करार का विरोध किया है।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 24 Jul 2018 11:05 AM (IST)Updated: Tue, 24 Jul 2018 01:45 PM (IST)
DTC का इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने वाली कंपनी से करार, जानें- दिल्ली सरकार को गिफ्ट में क्या मिला

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) ने इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने वाली कंपनी ओकीनावा के साथ करार किया है। इस करार के तहत ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा देते हुए डीटीसी कर्मचारियों के बीच ई वाहन के परिचालन को बढ़ावा दिया जाएगा। डीटीसी के सभी 45 डिपो में कंपनी अपने स्कूटर प्रदर्शित करेगी। टेस्ट ड्राइव की व्यवस्था भी रहेगी। साथ ही कंपनी यहां अन्य ई उत्पाद भी प्रदर्शित करेगी। यह सारी गतिविधियां सितंबर 2018 तक चलेंगी।

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कंपनी ने डीटीसी को दो स्कूटर भेंट किए

सोमवार दोपहर आइपी एस्टेट स्थित डीटीसी मुख्यालय में पत्रकार वार्ता के दौरान करार की औपचारिक घोषणा की गई। इस अवसर पर डीटीसी के प्रबंध निदेशक मनोज कुमार व कंपनी के प्रबंध निदेशक जितेंद्र शर्मा सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। इस दौरान कंपनी ने डीटीसी को दो स्कूटर भेंट भी किए। डीटीसी के प्रबंध निदेशक मनोज ने कहा कि दिल्ली और देश में पर्यावरण की चिंता अहम हो गई है। इस करार के जरिये भी राजधानी को स्वच्छ और प्रदूषण रहित वातावरण देने की पहल की है। इस प्रयास से डीटीसी स्टाफ की आवाजाही को पर्यावरणमुक्त एवं सुगम बनाया जाएगा।

ओकिनावा के प्रबंध निदेशक जितेंद्र ने बताया कि प्रदूषण की बढ़ती समस्या के मद्देनजर परिवहन के तौर तरीकों में बदलाव लाने और उसे पर्यावरण अनुकूल बनाने की जरूरत है। डीटीसी के साथ इस भागीदारी के जरिए लोगों के बीच इलेक्टिक वाहनों के फायदे पर जागरूकता पैदा की जाएगी।

उन्होंने बताया कि कंपनी के ई स्कूटर प्रदूषण बिल्कुल नहीं फैलाते। बगैर किसी जोखिम तीव्र गति पर 55 से 75 कि.मी. प्रति घंटे का सफर भी कर सकते हैं। डीटीसी के प्रबंध निदेशक से जब पूछा गया कि इस करार से डीटीसी अथवा जनता को क्या लाभ होगा तो वे कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दे सके। उनका कहना था कि आज का युवा ई वाहनों को पसंद कर रहा है।

दिल्ली सरकार भी जल्द ही एक हजार इलेक्टिक बसें खरीदने की तैयारी कर रही है। वहीं कांग्रेस ने डीटीसी के इस करार का विरोध किया है। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन का कहना है कि डीटीसी डिपो की जमीन इस तरह किसी निजी कंपनी को प्रचार के लिए नहीं दी जा सकती। वहां पार्किंग बनाई जानी है। उन्होंने परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को डीटीसी चेयरमैन बनाए जाने पर भी सवाल खड़ा किया। उनका कहना था कि डीटीसी के निर्णयों को मंत्रलय जांचता है, लेकिन डीटीसी के चेयरमैन पद पर मंत्री ही बैठ गए तो सही- गलत की पहचान भी खत्म हो जाएगी। उन्होंने ओकिनावा के साथ डीटीसी के इस करार को जनता के हित में नहीं बल्कि परदे के पीछे सरकार के हित में भी बताया है।


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