रवि की मौत के बाद फूटा कैदियों का गुस्सा, भूख हड़ताल शुरू
इकलाख की हत्या के आरोपी रॉबिन उर्फ रवि की मौत के बाद कारागार प्रशासन के खिलाफ बंदियों का गुस्सा फूट पड़ा। इकलाख की हत्या के आरोपियों समेत सभी बंदियों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है।
नोएडा, जागरण संवाददाता इकलाख की हत्या के आरोपी रॉबिन उर्फ रवि की मौत के बाद कारागार प्रशासन के खिलाफ बंदियों का गुस्सा फूट पड़ा। इकलाख की हत्या के आरोपियों समेत सभी बंदियों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है। बंदी कारागार प्रशासन के खिलाफ विरोध जता रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, बंदियों के कोर्ट में पेशी पर आने से भी इन्कार कर करने से मुश्किलों में घिरा कारागार प्रशासन इन्हें मनाने के हर संभव प्रयास कर रहा है। यहां तक कि डीआइजी जेल वीके शेखर गौतमबुद्ध नगर कारागार पहुंच कर बंदियों को मनाने में लगे हैं।
बिसाहड़ा गांव में बीते वर्ष हुए इकलाख हत्याकांड के आरोपी रवि की मंगलवार रात मौत हो गई थी। मृतक के परिजन ने कारागार प्रशासन पर मारपीट सहित विभिन्न प्रकार से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। यह भी कहा कि प्रताड़ना से ही रवि बीमार पड़ा पर कारागार प्रशासन ने उसे समुचित उपचार नहीं दिया। तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर कारागार प्रशासन ने अपनी जान बचाने के लिए उसे बाहर के अस्पताल में शिफ्ट कराया।
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परिजनों की मांग है कि कारागार प्रशासन के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की जाए। हालांकि कारागार प्रशासन आरोप बेबुनियाद बताते हुए कह रहा है कि रवि को 29 सितंबर को कारागार के अस्पताल में उपचार के भर्ती किया गया था।
डाक्टर उपेंद्र कुमार ने उसके स्वास्थ्य की जांच की थी। स्थिति गंभीर होने पर डा. उपेंद्र ने रवि को तीन अक्टूबर को जिला अस्पताल रेफर किया। जिला अस्पताल में उपचार के बाद उसे दिल्ली रेफर किया गया था, जहां मौत हो गई।
अस्पताल में अवैध वसूली
जिला अस्पताल में कैदी राकेश के आत्महत्या के बाद कारागार प्रशासन की पोल बंदियों ने चिट्ठी से खोलना शुरू किया है। कुछ बंदियों ने कारागार के अस्पताल में भी उपचार के नाम पर रुपये लेने का आरोप लगाया है। बंदियों से उपचार के नाम पर रुपये लेने का खेल काफी दिन से चल रहा है। आरोप है कि बिना पैसे दिए बंदियों को अस्पताल में उपचार भी नहीं दिया जाता। आशंका जताई जा रही है कि पैसे न मिलने के से ही रवि को समय पर उपचार नहीं दिया गया।
उधर कारागार अधीक्षक गौतमबुद्ध नगर एमएल यादव दावा कर रहे हैं कि बंदियों ने रज की तरह नाश्ता व भोजन किया, भूख हड़ताल नहीं की है। अस्पताल में उपचार न देने व रुपये लेने के आरोप बेबुनियाद हैं।
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