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मैसेज करके आत्महत्या करने गया पूरा परिवार, फरीदाबाद में सामने आया सनसनीखेज मामला

गायब होने से पहले परिवार के मुखिया ने चाचा, भाई व बहन को फोन पर आत्महत्या का मैसेज किया था। इसके बाद 4 अगस्त को पूरा परिवार कार में घर से निकल गया।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 07 Aug 2018 10:08 AM (IST)Updated: Tue, 07 Aug 2018 10:25 AM (IST)
मैसेज करके आत्महत्या करने गया पूरा परिवार, फरीदाबाद में सामने आया सनसनीखेज मामला
मैसेज करके आत्महत्या करने गया पूरा परिवार, फरीदाबाद में सामने आया सनसनीखेज मामला

फरीदाबाद (जेएनएन)। दिल्ली से सटे हरियाणा के फरीदाबाद में सनसनीखेज घटना सामने आई है। यहां पर एक परिवार के सभी सदस्य आत्महत्या करने के इरादे से कार से कहीं चले गए हैं। चिंतित रिश्तेदार उनका पता लगाने में जुटे हैं, लेकिन अब तक कामयाबी नहीं मिली है। घटना को तीन दिन बीत चुके हैं। पूरा मामला ग्रेटर फरीदाबाद स्थित पार्क ग्रेंड्यूरा सोसायटी का है।

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जानकारी के मुताबिक, यहां पर एक पूरा परिवार (पति-पत्नी व दो बेटे) संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया। गायब होने से पहले परिवार के मुखिया ने चाचा, भाई व बहन को फोन पर आत्महत्या का मैसेज किया था। इसके बाद 4 अगस्त को पूरा परिवार कार में घर से निकला, और उनका कुछ पता नहीं है। भूपानी थाना पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।

सेक्टर-11 निवासी श्यामसुंदर ने बताया कि उसका भतीजा अभय कुमार (32) पार्क ग्रेंड्यूरा में पत्नी व दो बेटों के साथ रहता है। उसका अपना वर्कशॉप का कारोबार है। चार अगस्त को उसने चाचा अपने भाई और बहन को मैसेज किया कि उसे कई लोगों से करीब एक करोड़ रुपये लेने हैं, मगर वे रुपये नहीं लौटा रहे हैं। उसके ऊपर भी कुछ लोगों का कर्ज है, मगर रुपये नहीं मिलने की वजह से वह कर्ज नहीं चुका पा रहा है।

यहां पर बता दें कि पिछले महीने एक जुलाई को दिल्ली के बुराड़ी इलाके में 11 लोगों की आत्महत्या ने सनसनी मचा दी थी। गौरतलब है कि दिल्ली में अब तक की सबसे बड़ी सनसनीखेज घटना में बुराड़ी स्थित एक घर में एक जुलाई की सुबह एक ही परिवार के 11 लोग संदिग्ध हालात में मृत पाए गए थे। मृतकों में सात महिलाएं व चार पुरुष थे, जिनमें दो नाबालिग थे। एक महिला का शव रोशनदान से तो नौ लोगों के शव छत से लगी लोहे की ग्रिल से चुन्नी व साड़ियों से लटके मिले। एक बुजुर्ग महिला का शव जमीन पर पड़ा मिला था। नौ लोगों के हाथ-पैर व मुंह बंधे हुए थे और आंखों पर रुई रखकर पट्टी बांधी गई थी।

बुराड़ी-संत नगर मेन रोड से सटे संत नगर की गली नंबर दो में बुजुर्ग महिला नारायण का मकान है। इसमें वह दो बेटों भुवनेश व ललित, उनकी पत्नियों, पोते-पोतियों व विधवा बेटी संग रहती थीं। ये लोग मूलरूप से राजस्थान के निवासी थे और 22 साल पहले यहां आकर बसे थे। बुजुर्ग महिला के तीसरे बेटे दिनेश सिविल कांटेक्टर हैं और राजस्थान के चित्ताैड़गढ़ में रहते हैं। बुजुर्ग महिला के दोनों बेटों की भूतल पर एक परचून व दूसरी प्लाईवुड की दुकान है। ऊपर पहली व दूसरी मंजिल पर परिवार रहता था।

रोज सुबह ललित घर के सामने रहने वाले दिल्ली पुलिस से सेवानिवृत्त तारा प्रसाद शर्मा के साथ मार्निग वॉक पर जाते थे। उससे पहले शर्मा ललित की दुकान से दूध लेते थे। रविवार सुबह दुकान नहीं खुली तो शर्मा दरवाजा खटखटाने गए, पर दरवाजा खुला था तो वह ऊपर चले गए। ऊपर का दरवाजा भी खुला था। आगे जाने पर उनकी रूह कांप गई। बरामदे वाले हिस्से में दस लोगों के शव लटके थे, जबकि एक महिला का शव कमरे में पड़ा था।


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