जानिए, देश में 22 फीसद महिलाएं प्रसव के बाद क्यों चली जाती हैं अवसाद में
इन शोधों में 20043 महिलाएं (माताएं) शामिल थीं। अध्ययन में पाया गया कि 22 फीसद महिलाएं प्रसव के बाद अवसाद से पीडि़त हुईं थीं।
नई दिल्ली [ जेएनएन ]। अमन विहार की घटना से पहले भी कई महिलाओं द्वारा अपने मासूम बच्चे की हत्या करने की घटनाएं सामने आईं हैं। प्रसव के बाद कई महिलाएं मानसिक अवसाद से पीडि़त हो जाती हैं। अमन विहार में बच्चे की हत्या करने वाली सारिका भी प्रसवोत्तर अवसाद (पोस्टपार्टम डिप्रेशन) से पीडि़त थी।
ऐसी अवस्था में महिलाएं कई बार घातक कदम उठा लेतीं हैं। सफदरजंग अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज द्वारा किए गए समीक्षात्मक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि देश में करीब 22 फीसद महिलाएं पोस्टपार्टम डिप्रेशन से पीडि़त होती हैं।
डॉक्टरों ने शोध के दौरान 1285 शोधपत्रों को खंगाला और उनमें से 1248 शोध पत्रों को अलग कर अध्ययन किया। इनमें से 38 शोधों का चयन कर निष्कर्ष निकाला गया। इन शोधों में 20043 महिलाएं (माताएं) शामिल थीं। अध्ययन में पाया गया कि 22 फीसद महिलाएं प्रसव के बाद अवसाद से पीडि़त हुईं थीं।
दक्षिण भारत में महिलाएं इससे अधिक पीडि़त होती हैं। वहां 26 फीसद, पूर्वी भारत में 23 फीसद, दक्षिण पश्चिम में 23 फीसद, पश्चिम में 21 फीसद व उत्तरी भारत में 15 फीसद महिलाएं पोस्टपार्टम डिप्रेशन से पीडि़त पाईं गईं।
डिप्रेशन के प्रमुख वजह
- घरेलू हिंसा
- पूर्व की मानसिक बीमारी
- वैवाहिक जीवन में विवाद
- पति का पूरा सहयोग नहीं मिल पाना
- लड़की का जन्म
- हाल में हुई तनावपूर्ण घटना
- पति का नशा करना
- कम पढ़ा-लिखा होना
- कम उम्र में या अधिक उम्र में मां बनना
विकसित देशों में दर कम
11 विकसित देशों में हुए समीक्षात्मक अध्ययन के अनुसार विकसित देशों में 12.9 महिलाएं प्रसव के बाद मानसिक अवसाद से पीडि़त होती हैं। भारत में यह दर 22 फीसद है।
पहले की घटनाएं
बेंगलुरु में एक महिला ने अपने सात साल की बच्ची को दो बार छत से फेंक दिया था, ताकि वह आश्वस्त हो सके कि बच्ची की मौत हो गई है। मुंबई में एक महिला ने दो बार अपने नवजात बच्चों की हत्या की थी।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के मनोचिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. दिनेश कटारिया कहते हैं कि जो महिला अपने दो बच्चों की हत्या कर दे इससे स्पष्ट है कि उसकी मानसिक स्थिति सामान्य नहीं है। प्रसव के बाद कई बार मानसिक अवसाद व साइकोसिस की समस्या होती है। ऐसे कई महिलाएं इलाज के लिए पहुंचती हैं।