मौत से हारे ध्रुव ने तीन लोगों को दी नई जिंदगी, दोनों किडनी व लिवर को किया गया दान
ध्रुव की एक-एक किडनी का प्रत्यारोपण दो अलग-अलग मरीजों को किया गया। लिवर का प्रत्यारोपण एक अन्य मरीज को किया गया। परिजनों की इच्छा पर किसी का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है।
गुरुग्राम, जेएनएन। जज पिता के सरकारी गनमैन द्वारा चलाई गई गोली से घायल होकर दस दिन तक मौत से जूझने वाले ध्रुव (16) ने मंगलवार तड़के अंतिम सांस ली। मरने के बाद भी ध्रुव तीन लोगों को नई जिंदगी दे गए। पिता की इच्छा पर दोनों किडनी व लिवर दान कर दिया गया। उनकी एक-एक किडनी का प्रत्यारोपण दो अलग-अलग मरीजों को किया गया। लिवर का प्रत्यारोपण एक अन्य मरीज को किया गया। अस्पताल ने परिजनों की इच्छा पर किसी का नाम सार्वजनिक नहीं किया है।
आंख तथा दिल भी दान करने की इच्छा
परिवार ने दोनों आंख तथा दिल भी दान करने की इच्छा जताई थी। दिल प्रत्यारोपण के लिए तुरंत कोई जरूरतमंद मरीज नहीं मिला, वहीं आंख खराब होने से दान नहीं की जा सकी। ध्रुव के शव का पोस्टमार्टम चार सदस्यीय मेडिकल बोर्ड ने किया।
हिसार में होगा अंतिम संस्कार
फोरेंसिक एक्सपर्ट दीपक माथुर के अनुसार ध्रुव के सिर में तीन गोलियां मारी गई थीं। शरीर के अन्य हिस्सों में चोट पाई गई है। शव को मेदांता अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया है। बुधवार सुबह सात बजे शव जज के प्रीति नगर, जिला हिसार स्थित पैतृक निवास पर ले जाया जाएगा। दोपहर करीब 12 बजे हिसार में ही अंतिम संस्कार किया जाना है।
डॉक्टर जान बचाने में लगे थे
गुरुग्राम के अतिरिक्त एवं जिला सत्र न्यायाधीश कृष्णकांत की पत्नी रेणु (रितु) व बेटे ध्रुव को 13 अक्टूबर को गुरुग्राम के सेक्टर-49 के आर्केडिया मार्केट में गनमैन महिपाल ने गोली मार दी थी, जिसके बाद पत्नी की मौत हो गई थी। गंभीर रूप से घायल ध्रुव को मेदांता अस्पताल में दाखिल कराया गया था। जहां उन्हें आइसीयू में वेंटिलेटर के सहारे रख डॉक्टर जान बचाने में लगे थे। सिर में गोली लगने से नस कट गई थी जिसके चलते दिमाग काम नहीं कर रहा था, जबकि शरीर के अन्य अंग काम कर रहे थे।
रिश्तेदार रहे मौजूद
मंगलवार तड़के तीन बजकर एक मिनट पर डॉक्टर ने ब्रेन डेड बताते हुए उन्हें मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद सर्जरी कर शरीर के अंग निकाले गए। अस्पताल में अतिरिक्त एवं जिला सत्र न्यायाधीश कृष्णकांत के अलावा कई न्यायाधीश, अधिकारी व पीड़ित परिवार के रिश्तेदार मौजूद थे। पत्नी की मौत के बाद बेटे की मौत सुन न्यायाधीश कृष्णकांत परिजनों के गले लग रो पड़े। पोस्टमार्टम हाउस में भी कई न्यायाधीश, अधिवक्ता व रिश्तेदार पहुंचे थे।
ध्रुव के साथ हुई कहासुनी
बता दें कि 13 अक्टूबर को महिपाल न्यायाधीश की पत्नी और बेटे को लेकर आर्केडिया मार्केट गया था। दोनों शॉपिंग कर बाहर आए तो महिपाल गायब मिला। काफी देर बाद वह आया तो ध्रुव से उसकी कहासुनी हो गई थी, जिसके बाद गनमैन ने आपा खोकर सरकारी पिस्टल निकाल मां-बेटे को गोली मार दी थी। उसने ध्रुव को कार में डालने का प्रयास किया था मगर सफल नहीं हुआ तो कार लेकर फरार हो गया था। बाद में पुलिस ने उसे पकड़ कर जेल भेज दिया था।
तैश में आकर गोली मार दी
आरोपी को पुलिस सेवा से भी बर्खास्त किया जा चुका है। पुलिस के मुताबिक महिपाल टैक्सी चलवाता था। इस काम के लिए समय नहीं मिलने से वह तनाव में रहता था। तनाव के चलते ही तत्कालीन कहासुनी में उसने तैश में आकर गोली मार दी थी।