Delhi: 5.3 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में आरोपित 15 साल बाद हुआ गिरफ्तार, पुलिस ने रखा था 50 हजार का इनाम
दो बैंक समेत एक व्यवसायी से 5.3 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में वांछित आरोपित प्रदीप शर्मा को क्राइम ब्रांच ने बहादुरगढ़ से गिरफ्तार किया है। वह पिछले 15 वर्षों से दिल्ली व हरियाणा में लगातार ठिकाना बदल-बदलकर गिरफ्तारी से बच रहा था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दो बैंक समेत एक व्यवसायी से 5.3 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में वांछित आरोपित प्रदीप शर्मा को क्राइम ब्रांच ने बहादुरगढ़ से गिरफ्तार किया है। वह पिछले 15 वर्षों से दिल्ली व हरियाणा में लगातार ठिकाना बदल-बदलकर गिरफ्तारी से बच रहा था। अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था। दिल्ली पुलिस की तरफ से उसपर 50 हजार का इनाम था।
विशेष आयुक्त क्राइम ब्रांच, रवींद्र सिंह यादव के मुताबिक प्रदीप शर्मा मूलरूप से झज्जर, हरियाणा का रहने वाला है। उसके खिलाफ 2008 में आर्थिक अपराध शाखा में मुकदमा दर्ज किया गया था। 2008 में उसने भेरा एन्क्लेव, पश्चिम विहार में किराए पर रहना शुरू किया था। वहां रहने के दौरान उसने अपने भाई कुलदीप शर्मा उर्फ अमित खान व अन्य लोगों के साथ उक्त संपत्ति के जाली दस्तावेज तैयार करवा उसे दो अलग-अलग बैंकों में गिरवी रख कर 2.3 करोड़ का लोन ले लिया। बाद में उसने उक्त संपत्ति को पूनम गुप्ता नाम की महिला को तीन करोड़ में बेच दिया था। पूनम गुप्ता उस दौरान कमला नगर में रहती थी। प्रदीप शर्मा ने खुद को प्रेम नाथ खन्ना, संपत्ति का मूल मालिक बताकर उन्हें प्रापर्टी बेची थी।
आर्थिक अपराध शाखा द्वारा आरोपित को गिरफ्तार न करने पर पुलिस आयुक्त ने क्राइम ब्रांच को उसे गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी सौंपी। बुधवार को एसआइ रविंदर को सूचना मिली कि प्रदीप शर्मा बहादुरगढ़ में छिपा हुआ है। उक्त सूचना के बाद डीसीपी अमित गोयल, एसीपी अरविंद कुमार की निगरानी में इंस्पेक्टर अरुण सिंधु एसआइ रविंदर, एएसआइ रविंदर भाटी, हवलदार गौरव त्यागी की टीम ने प्रदीप शर्मा को बहादुरगढ़ से दबोच लिया। वह पहले कुछ समय तक बेरोजगार था बाद में उसने आइसीआइसीआइ बैंक का बीमा प्रतिनिधि के रूप में काम करने लगा था। ठगी के बाद दिल्ली छोड़कर वह बहादुरगढ़ में रहने लगा था।