दिल्ली के वित्तमंत्री ने पेश किया देश का पहला आउटकम बजट, केजरीवाल गदगद
दिल्ली का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने इसे देश का पहला आउटकम बजट होने का दावा किया और सरकार की उपलब्धियों का जमकर बखान किया।
नई दिल्ली (सर्वेश कुमार)। दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को विधानसभा में इस सरकार का तीसरा बजट पेश किया। बजट पर पूरी तरह दिल्ली नगर निगम चुनाव का असर दिखा। यही कारण है कि जनता पर कोई नया कर नहीं लगाया गया है।
सरकार ने पहली बार आउटकम बजट पेश करने का दावा किया है। यानी विभाग अपना लक्ष्य तय करेंगे और सरकार उन्हें उस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पैसा देगी और प्रत्येक तिमाही में जनता को उससे हुए फायदे की समीक्षा करेगी। जनता को फायदा न होने पर योजना के बारे में पुनर्विचार किया जाएगा।
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बजट में पिछले साल के मुकाबले 6800 करोड़ रुपये अधिक का प्रावधान किया गया है। तीन मदों में कर की सीमा 12.5 फीसद से कम कर 5 फीसद कर दी गई है। सरकार ने नगर निगमों पर दरियादिली दिखाते हुए उनके लिए आवंटन में 15 फीसद का इजाफा किया है। बिजली हाफ और पानी माफ की योजना जारी रहेगी। बजट में हर वर्ग को छूने की कोशिश की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों पर भी सरकार पूरी तरह मेहरबान दिखी। यह पहला बजट है, जिसमें योजना मद और गैर योजना मद को समाप्त किया गया है। बजट राजस्व व्यय और पूंजी व्यय के तहत तैयार किया गया है।
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उपमुख्यमंत्री ने साफ किया है कि इस बजट का आवंटन विभागों को किया गया है, लेकिन उसे खर्च करने के बाद ही काम खत्म नहीं होगा। यह भी देखा जाएगा कि उक्त मद में खर्च करने से जनता को कितना लाभ हुआ। हर तीन महीने बाद इसका आकलन भी होगा। इसकी प्रति दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर 31 मार्च तक उपलब्ध कराई जाएगी।
शिक्षा : पिछले साल की तरह इस साल भी शिक्षा पर खास ध्यान दिया गया है। सरकार ने इस मद में 11300 करोड़ रुपये का बजट रखा है, जो पिछले वित्त वर्ष से 610 करोड़ रुपये ज्यादा है। सरकार इस रकम से हर इलाके में दो से छह साल के आयुवर्ग के बच्चों के लिए अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन सेटर खोलना और 156 सरकारी स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू करना चाहती है। 10,000 नए क्लासरूम, 400 पुस्तकालय और अंग्रेजी माध्यम के साथ पांच स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खोलने की बात कही गई है। सरकार छोटे बच्चों की पढ़ाई के लिए निजी स्कूलों से लोगों की निर्भरता कम करना चाहती है। 142 स्कूलों में वाणिज्य की पढ़ाई शुरू की जाएगी। उच्च शिक्षा के लिए भी सरकार ने नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी, दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और आइआइआइटी के विस्तार की योजना तैयार की है।
स्वास्थ्य : सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष में 1000 मोहल्ला क्लीनिक खोलने का लक्ष्य रखा है। पॉलीक्लीनिक की संख्या 23 से बढ़ाकर 150 की जाएगी। सरकारी अस्पतालों में मौजूद 10 हजार बेड की संख्या बढ़ाकर अगले 18 महीने में 20 हजार की जाएगी। सभी नागरिकों के लिए हेल्थ कार्ड और हेल्थ बीमा की भी योजना है। 30 महत्वपूर्ण और जीवन रक्षक ऑपरेशन के लिए 41 निजी अस्पतालों से गठजोड़ होगा। इन सबके लिए सरकार ने 5376 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 117 करोड़ रुपये ज्यादा है।
परिवहन : लोगों को आवागमन में आने वाली मुश्किलों को दूर करने के लिए कलस्टर बस योजना के तहत 736 बसें खरीदी जाएंगी। 10 हजार नए ऑटो परमिट जारी करने की तैयारी है। मेट्रो की यात्रा सुगम और आरामदेह बनाने के लिए 582 अतिरिक्त डिब्बे जोड़ने की भी योजना है।
शहरी विकास: खुले में शौच की कुप्रथा से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार ने जून 2017 तक 6000 और शौचालयों का निर्माण कराने की योजना बनाई है। झुग्गी व झोपड़ी वालों के पुनर्वास के लिए नांगलोई फेज-2, द्वारका सेक्टर-3, रोहिणी सेक्टर-5 और गीता कॉलोनी में नए आश्रय गृह बनाए जाएंगे।
केजरीवाल ने बजट को सराहा
वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने गरीबों को ध्यान में रखते हुए यह बजट बनाया है। ईमानदारी से काम करने के चलते पैसे बच रहे हैं। उसी पैसे को हम जनकल्याण में लगा रहे हैं। गुजरात में 400 यूनिट बिजली इस्तेमाल करने पर 2700 रुपये का बिल आता है। दिल्ली में यह सिर्फ 1370 रुपये है।
देश में सबसे सस्ती बिजली दिल्ली में हैं। दिल्ली के स्कूलों में 8000 नए क्लासरूम बनाए गए। अपनी सरकार की तारीफ करते हुए केजरीवाल ने कहा कि दुनियाभर में स्वास्थ्य मंत्री की मोहल्ला क्लीनिक की तारीफ हो रही है। सरकार 107 मोहल्ला क्लीनिक बना चुकी है और आगे भी बनाते रहेंगे।
आप की सरकार बनने पर मोदी जी ने एंटी करप्शन ब्रांच पर कब्जा कर लिया। अगर एसीबी उनके हाथों में आ जाए को वे जीरो भ्रष्टाचार कर देंगे, कोई नहीं बख्शा जाएगा।