हरियाणा: जजपा-आप में बन सकता है बराबर-बराबर सीटों का फार्मूला
हरियाणा में आम आदमी पार्टी (आप) और जननायक जनता पार्टी (जजपा) के बीच बात बन सकती है। दोनों दलों के नेता इसे अंजाम तक पहुंचाने के लिए अपनी पूरी कोशिश में लगे हुए हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। हरियाणा में आम आदमी पार्टी (आप) और जननायक जनता पार्टी (जजपा) के बीच बराबर-बराबर सीटों पर गठबंधन का फार्मूला बन सकता है। आप इससे कम पर तैयार नहीं दिखती। उसके नेता राज्य में 10 में से 5 लोकसभा और विधानसभा की 90 में से 45 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं।
वहीं, जजपा नेता कह रहे हैं कि हरियाणा में दोनों दलों के राजनीतिक वर्चस्व में काफी अंतर है। इसलिए समझौता 70 और 30 के अनुपात में होना चाहिए। 70 फीसद सीटें जजपा को मिलें।
आम आदमी पार्टी की ओर से समझौते के लिए बातचीत प्रदेश प्रभारी व दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय, प्रदेश संयोजक नवीन जयहिंद और राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता अधिकृत तौर पर कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार अरविंद केजरीवाल की तरफ से जयहिंद को स्पष्ट आदेश है कि आधी सीटों पर यदि समझौता होता है तो बातचीत आगे बढ़ाओ अन्यथा अकेले के दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर लें।
असल में केजरीवाल के इस आदेश के पीछे बड़ा कारण कार्यकर्ताओं से मिला फीडबैक है। उन्होंने केजरीवाल को बताया है कि हरियाणा में जजपा जाट मतदाताओं का ही प्रतिनिधित्व करती है। अकेले जजपा जाट मतदाताओं के दम पर 4 से 10 सीटों पर सिमट जाएगी, लेकिन अगर आम आदमी पार्टी का साथ मिल जाता है तो फिर गैर जाट भी साफ छवि के दुष्यंत चौटाला को वोट दे सकते हैं।
आप समर्थक भी जजपा को तभी वोट देंगे जब उन्हें लगेगा कि सरकार बनने पर बराबर की हैसियत रहेगी। नई दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के घर कर हुई इस बातचीत में यह बात भी सामने आई कि गैर जाट मतदाता इस बार भी जाट मुख्यमंत्री नहीं देखना चाहता।
दुष्यंत चौटाला तभी गैर जाटों में आकर्षण का केंद्र बन सकते हैं जब वे शहरी व गैर जाट मतदाताओं को लुभाने वाली पार्टी के साथ चुनावी मैदान में आते हैं। यदि आम आदमी पार्टी को पसंद करने वाले मतदाताओं को यह लगा कि समझौता बराबरी का नहीं है तो वे गैर जाट सीएम बनाने के लिए किसी अन्य दल पर जा सकते हैं।
सुशील गुप्ता, राज्यसभा सदस्य आप ने कहा कि हमारी तरफ से अलग-अलग नेताओं ने जननायक जनता पार्टी से कई दौर की बातचीत की है। प्रदेश संयोजक के माध्यम से पार्टी सुप्रीमो की बात जजपा नेताओं तक पहुंचा दी गई है। अब फैसला जजपा को ही करना है। हरियाणा में केजरीवाल की दिल्ली की सरकार के नाम खूब वोट मिलेंगे। यह हम जानते हैं।