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CAA Delhi Protest: हिंसा में फिर सामने आया PFI का नाम, दानिश अली 4 दिनों की रिमांड पर

नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का सदस्य दानिश अली पुलिस के हत्थे चढ़ा है।

By JP YadavEdited By: Mon, 09 Mar 2020 05:11 PM (IST)
CAA Delhi Protest: हिंसा में फिर सामने आया PFI का नाम, दानिश अली 4 दिनों की रिमांड पर
CAA Delhi Protest: हिंसा में फिर सामने आया PFI का नाम, दानिश अली 4 दिनों की रिमांड पर

नई दिल्ली, एएनआइ। नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (National Register of Citizens) के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को बड़ी कामयाबी मिली है। जांच में जुटी क्राइम ब्रांच ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) के सदस्य दानिश अली को गिरफ्तार कर लिया है। कोर्ट ने इसे चार दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। दानिश पर दक्षिण दिल्ली में CAA-NRC के विरोध के दौरान हुई हिंसा में लोगों को भड़काने का आरोप है। 

वहीं, इससे पहले भी दिल्ली पुलिस हिंसा को लेकर पीएफआइ के दर्जनभर सदस्यों के शामिल होने की बात कह चुकी है। इसी के साथ वह काफी समय से साइबर सेल की मदद से इनके सक्रिय सदस्यों की कॉल डिटेल खंगाल रही थी। 

बांग्लादेशी भी शामिल थे हिंसा में

बता दें कि पिछले साल दिसंबर में CAA-NRC के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान दक्षिण दिल्ली में आगजनी, पथराव और मारपीट की कई घटनाएं हुई थीं। जांच-पड़ताल में दिल्ली पुलिस के विशेष जांच दल (Special Investigation Team) ने जांच में पाया था कि दक्षिण दिल्ली के जामिया नगर के अलावा उत्तर पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर, जाफराबाद, सीमापुरी और दरियागंज में हुए दंगों में बांग्लादेशी भी शामिल थे।

एसआइटी से जुड़े अधिकारियों की मानें तो सीसीटीवी फुटेज और खुफिया सूचना पर ऐसे दंगाइयों की पहचान हो चुकी है। इनमें से कई का संबंध पीएफआइ से भी भी है। इसके लिए अब सबूतों को जुटाया जा रहा है। 

यह भी जानें

  • CAA-NRC के विरोध में 17 और 20 दिसंबर को जाफराबाद, सीलमपुर और दरियागंज में दंगा, हिंसा और आगजनी के दौरान दिल्ली में पहले से सक्रिय कुछ शातिर अपराधियों ने माहौल बिगाड़ा था।
  • इनमें दर्जनभर से अधिक बांग्लादेशियों ने पुलिस पर पथराव, तोड़फोड़ और आगजनी की थी।
  • जांच में यह भी पता चला  है कि ज्यादातर हिंसा करने वाले लोग सीमापुरी में रहते हैं और बांग्लादेशी हैं। 
  • पूर्व में भी ये ऐसे ही अपराधों में संलिप्त रहे हैं।