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Delhi Crime: नौकरशाह बने शख्स ने घर का सपना दिखा कर ठगे 55 करोड़ रुपये

Delhi Crime News पुलिस अधिकारी ने बताया कि 2020 में झिलमिल कालोनी के डा बच्चा लाल ने केंद्रीय सचिवालय सेवा अधिकारी सोसाइटी (सीएसएसओएस) के खिलाफ ठगी और धोखाधड़ी की शिकायत की। नेह श्रीवास्तव सोसाइटी के अध्यक्ष थे।

By Jagran NewsEdited By: Prateek KumarPublished: Sat, 26 Nov 2022 11:20 PM (IST)Updated: Sat, 26 Nov 2022 11:20 PM (IST)
Delhi Crime: नौकरशाह बने शख्स ने घर का सपना दिखा कर ठगे 55 करोड़ रुपये
आराेपित भारत सरकार का अवर सचिव रह चुका है, आर्थिक अपराध शाखा ने किया गिरफ्तार

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। नौकरशाह से उद्यमी बने डाक्टर नेह श्रीवास्तव को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपित ने घर का सपना दिखाकर निवेशकों से 55 करोड़ रुपये की ठगी की है। आरोपित भारत सरकार में अवर सचिव रह चुका है। ईओडब्ल्यू में मामला दर्ज होने के बाद उसने स्वच्छिक सेवानिवृति ले ली थी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि 2020 में झिलमिल कालोनी के डा बच्चा लाल ने केंद्रीय सचिवालय सेवा अधिकारी सोसाइटी (सीएसएसओएस) के खिलाफ ठगी और धोखाधड़ी की शिकायत की। नेह श्रीवास्तव सोसाइटी के अध्यक्ष थे।

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लैंड पूलिंग पॉलिसी का दिया हवाला 

शिकायत में बताया गया कि वह दिल्ली में एक घर खरीदना चाहते थे। उनके एक दोस्त ने द्वारका के सीएसएसओएस के बारे में बताया। उनके सोसाइटी के अध्यक्ष नेह श्रीवास्तव और अन्य सदस्यों से मिले। जिन्होंने बताया कि सोसाइटी लैंड पूलिंग पालिसी के तहत फ्लैट उपलब्ध करवा रही है। फ्लैट अधिकारियों को दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि वह गृह मंत्रालय और डीडीए के संपर्क में हैं।

जांच में दस्तावेज में फर्जी मिली खबरें 

बड़ी संख्या में डेवलपर, बिल्डर और सोसाइटी ने पहले ही क्षेत्र में भूमि का अधिग्रहण कर लिया है क्योंकि भूमि की दरें एक वर्ष में दोगुनी होने की उम्मीद थी। डीडीए ने भूमि का विकास शुरू कर दिया है। उनकी बातों में आकर उन्होंने सोसाइटी में 50 हजार रुपये का निवेश कर दिया। लेकिन, उनके एक रिश्तेदार ने सोसाइटी के पदाधिकारियों के बारे में नकारात्मक बातें बताई। उसके बाद वह डीडीए कार्यालय गए। जहां पता चला कि सोसाइटी के सारे दस्तावेज फर्जी है। जांच के दौरान पता चला कि आरोपितों ने लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत कथित रूप से डीडीए की ओर से जारी किए गए दस्तावेजों को दिखाकर घर खरीदारों को प्रेरित किया। और कई निवेशकों से लगभग 100 करोड़ रुपये का निवेश कराया।

बढ़ी हुई कीमत पर जमीन खरीदी

जांच में पता चला कि सोसायटी के पंजीकरण को रजिस्ट्रार आफ सोसाइटी ने रद्द कर दिया था। डीडीए ने भी बताया कि द्वारका में लैंड पूलिंग पालिसी के तहत किसी भी हाउसिंग प्रोजेक्ट का कोई लाइसेंस या मंजूरी नहीं दी है।  आरोपितों ने बढ़ी हुई कीमत पर जमीन खरीदी। लेकिन भूस्वामियों को बिक्री विलेख के अनुसार भुगतान नहीं किया। सोसायटी ने 100 करोड़ में से केवल 45 करोड़ रुपये में जमीन खरीदी और बाकी पैसा नेह श्रीवास्तव ने अपनी मां की कंपनी अदितिया रियलिटी प्राइवेट लिमिटेड में ट्रांसफर कर दिया। आरोपितों ने खातों में दिखाया कि 75 करोड़ रुपये में जमीन खरीदी गई थी जबकि जमीन के मालिकों को 45 करोड़ का ही भुगतान किया गया था।

एफआइआर होते ही लिया वीआरएस

पुलिस टीम ने आराेपित डाक्टर नेह श्रीवास्तव को सेक्टर-नौ, वैशाली, गाजियाबाद से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि श्रीवास्तव पीएचडी डिग्री धारक है। वह भारत सरकार में अवर सचिव थे और प्राथमिकी दर्ज होने के बाद उन्होंने वीआरएस ले लिया था। इस्तीफा देने के बाद वे उद्यमी बन गए और कारोबार चलाने लगे।


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