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दोस्ती के बाद महिलाओं को भेजता था अश्लील फोटो व वीडियो, खुद को बताता था IPS अफसर

सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा देकर दोस्ती करने वाले आरोपित को दक्षिणी जिले के कोटला मुबारकपुर थाना पुलिस ने रविवार को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया है।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 02 Dec 2019 01:35 PM (IST)Updated: Mon, 02 Dec 2019 01:35 PM (IST)
दोस्ती के बाद महिलाओं को भेजता था अश्लील फोटो व वीडियो, खुद को बताता था IPS अफसर
दोस्ती के बाद महिलाओं को भेजता था अश्लील फोटो व वीडियो, खुद को बताता था IPS अफसर

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। खुद को आइपीएस अफसर बताकर महिलाओं को सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा देकर दोस्ती करने वाले आरोपित को दक्षिणी जिले के कोटला मुबारकपुर थाना पुलिस ने रविवार को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया है। आरोप है कि दोस्ती होने के बाद वह महिलाओं को अश्लील फोटो व वीडियो भेजता था। आरोपित के कब्जे से दो मोबाइल, चार सिम कार्ड और फर्जी आइडी पुलिस ने बरामद की है। डीसीपी दक्षिणी अतुल कुमार ठाकुर ने बताया कि आरोपित गौरी शंकर, नाड़वा बिसनपुर, कुशीनगर, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है।

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पुलिस के अनुसार, गत 25 नवंबर को कोटला मुबारकपुर थाने में एक महिला ने शिकायत में बताया कि एक युवक खुद को आइपीएस बताकर उनके मोबाइल पर बीते एक माह से अश्लील मैसेज, फोटो और वीडियो भेज रहा है। फोन करने पर आरोपित अभद्र भाषा का प्रयोग करता है।

पुलिस ने जांच की तो पता चला कि जिस नंबर से अश्लील सामग्री भेजी जा रही थी वह गुजरात का था। आरोपित ने फर्जी आइडी पर सिम ले रखा था। उसकी कॉल डिटेल खंगालने पर पता चला कि वह उत्तर प्रदेश और हरियाणा की महिलाओं को फोन कर ज्यादा परेशान किया करता था। जब कोई महिला फोन उठा लेती थी तो वह खुद को आइपीएस बताकर उससे दोस्ती कर बातें करता और सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देता था।

चार दिन चला डोर-टू-डोर तलाशी अभियान

पुलिस अफसरों ने बताया कि सर्विलांस के जरिये आरोपित की आखिरी लोकेशन गुरुग्राम के सेक्टर-22 में मिली। इसके बाद से उसका मोबाइल बंद था। पुलिस को मुखबिरों से भी कोई जानकारी नहीं मिली तो गुरुग्राम में डोर-टू-डोर अभियान चलाया गया। इस तरह चार दिन की मशक्कत के बाद आरोपित धरा गया। आरोपित पिछले चार माह से एक ऑटोमोबाइल कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रहा था। इससे पहले वह कुशीनगर में मोबाइल की दुकान चलाता था। ज्यादातर महिलाओं को मोबाइल नंबर उसने वहीं से एकत्र किया था। आरोपित सउदी अरब जाना चाहता था, लेकिन कागजात पूरे नहीं थे। वह 2010 में कुशीनगर दंगे में भी शामिल था।

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