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2012 Delhi Nirbhaya case: क्या फांसी पर चढ़ने से पहले अंगदान के लिए हामी भरेंगे चारों दोषी

2012 Delhi Nirbhaya case ऋषि दधीचि की परंपरा का अनुसरण करते हुए एक प्रतिनिधि मंडल जेल में निर्भया के दोषियों से मिलकर उन्हें देहदान या अंगदान के लिए प्रेरित करना चाहते हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 16 Dec 2019 11:36 AM (IST)Updated: Mon, 16 Dec 2019 08:18 PM (IST)
2012 Delhi Nirbhaya case: क्या फांसी पर चढ़ने से पहले अंगदान के लिए हामी भरेंगे चारों दोषी
2012 Delhi Nirbhaya case: क्या फांसी पर चढ़ने से पहले अंगदान के लिए हामी भरेंगे चारों दोषी

नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। 2012 Delhi Nirbhaya case : निर्भया केस में चारों दोषियों अक्षय, विनय, पवन और मुकेश को फांसी की चर्चा के बीच उनके अंगदान करने को लेकर बड़ी खबर आ रही है। दरअसल, निर्भया के चारों दोषियों को गुप्त अंगदान कराने के लिए एक संस्था ने तिहाड़ जेल प्रशासन को पत्र लिखकर सभी चार दोषियों में से पवन, मुकेश, अक्षय और विनय से मिलने की मांग की है।

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पत्र में कहा गया है कि निर्भया के दोषियों के लिए ये अंतिम मौका होगा जब वो फांसी के तख्ते पर चढ़ने से पहले मानवता के लिए गुप्त अंगदान करे, ताकि कई जरूरत मन्द लोगो को अंग मिल सके।

पत्र में तिहाड़ जेल प्रशासन से मांग की गई है कि ऋषि दधीचि की परंपरा का अनुसरण करते हुए एक प्रतिनिधि मंडल जेल में निर्भया के दोषियों से मिलकर उन्हें देहदान या अंगदान के लिए प्रेरित करना चाहते हैं।

इस प्रतिनिधि मंडल में एक डॉक्टर,एक धर्म गुरु, एक मनोचिकित्सक, एक अधिवक्ता और देहदान या अंगदान कराने वाली संस्था का प्रतिनिधि शामिल होगा।

तिहाड़ जेल प्रशासन ने ये पत्र ले लिया है, जिसके बाद जेल मैन्युल के हिसाब से जेल में बन्द बंदी के अधिकार पर निर्भय करेगा वो संस्था से मिलना चाहता है कि नहीं।

गौरतलब है कि 16 दिसंबर, 2012 की रात को दिल्ली के वसंत विहार इलाके में निर्भया के साथ चलती बस में छह दरिंदों राम सिंह, अक्षय, विनय, मुकेश, पवन और  नाबालिग लड़की के साथ हैवानियत की थी। कुछ दिनों तक जिंदगी और मौत से लड़ने के बाद पीड़िता ने विदेशी अस्पताल में दम तोड़ दिया था। 

इसके बाद निचली अदालत, दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी चारों दोषियों अक्षय, पवन, मुकेश और विनय को फांसी की सजा सुना चुका है। वहीं, राम सिंह ने तिहाड़ जेल में खुदकशी कर ली थी, जबकि नाबालिग बाल सुधार गृह में अपनी सजा पूरी करके फिलहाल देश के किसी राज्य में अपना काम कर रहा है।

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