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Delhi News: सरकारी व निजी स्कूलों में फेल नहीं होंगे आठवीं के छात्र, शिक्षा निदेशालय ने जारी की गाइडलाइन

Delhi Newsदिल्ली के सरकारी व निजी स्कूलों के आठवीं तक के छात्रों अब शैक्षणिक सत्र 2023-24 में भी फेल नहीं किए जाएंगे। शिक्षा निदेशालय की परीक्षा शाखा ने शैक्षणिक सत्र 2023-23 के लिए परीक्षा और पदोन्नति संबंधी दिशानिर्देश जारी किए हैं।

By Ritika MishraEdited By: Pradeep Kumar ChauhanPublished: Fri, 07 Oct 2022 06:35 PM (IST)Updated: Fri, 07 Oct 2022 08:22 PM (IST)
Delhi News:शैक्षणिक सत्र 2023-23 के लिए परीक्षा और पदोन्नति संबंधी दिशानिर्देश जारी किए हैं।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी के सरकारी, सहायता प्राप्त, दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड, दिल्ली नगर निगम, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद और निजी स्कूलों के आठवीं तक के छात्र अब शैक्षणिक सत्र 2023-24 में भी फेल नहीं किए जाएंगे। शिक्षा निदेशालय की परीक्षा शाखा ने शैक्षणिक सत्र 2023-23 के लिए परीक्षा और पदोन्नति संबंधी दिशानिर्देश जारी किए हैं। निदेशालय ने कहा कि अब प्राथमिक शिक्षा पूरी होने तक स्कूल किसी भी छात्र को निष्कासित नहीं कर सकेगा।

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वहीं, पांचवीं और आठवीं कक्षा के सत्र के अंत नियमित परीक्षा आयोजित की जाएगी। कक्षा तीसरी, चौथी, छठीं और सातवीं का मूल्यांकन भी पांचवीं और आठवीं की परीक्षा पैटर्न के आधार पर होगा। हालांकि, इन कक्षा के छात्रों को पास न होने की स्थिति में उसी कक्षा में रोककर नहीं रखा जाएगा। तीसरी से आठवीं के छात्रों का मूल्यांकन मिड टर्म और मुख्य परीक्षा के आधार पर होगा। इसमें मिड टर्म परीक्षा सितंबर / अक्टूबर और मुख्य परीक्षा फरवरी / मार्च में होगी।

पेन और पेपर मोड में होगी परीक्षा

निदेशालय के मुताबिक तीसरी से आठवीं के छात्रों की परीक्षा पेन और पेपर मोड में आयोजित की जाएगी। ये परीक्षा छात्रों की रटने की बजाय वास्तविक जीवन स्थितियों में उनके कौशल और ज्ञान के अनुप्रयोग के साथ-साथ पाठ्यक्रम से मूल अवधारणाओं और ज्ञान के मूल्यांकन के माध्यम से बुनियादी सीखने के परिणामों की उपलब्धियों का परीक्षण करेगी।

वहीं, अगर प्राकृतिक आपदा, दंगे या किन्हीं अन्य कारणों से उप शिक्षा निदेशक के आदेश पर एक या एक से अधिक विषय की परीक्षा रद होती है तो स्कूल के पास उपलब्ध छात्र के साल भर की परीक्षाओं में मिले अंकों के आधार पर मूल्यांकन कर परिणाम जारी किया जाएगा।

साल भर होगा मूल्यांकन

तीसरी से आठवीं तक के छात्रों का साल भर नियमित मूल्यांकन किया जाएगा। इसी के आधार पर उनका परिणाम भी जारी होगा। छात्रों का परिणाम आंतरिक मूल्यांकन, मिड टर्म परीक्षा और मुख्य परीक्षा के आधार पर किया जाएगा। निदेशालय ने आंतरिक मूल्यांकन को छह भागों में बांटा है। प्रत्येक भाग पांच अंकों का होगा। तीसरी से पांचवीं की मिड टर्म और मुख्य परीक्षा में 40 प्रतिशत योग्यता आधारित सवाल पूछे जाएंगे। जो कि कुल 20 अंकों के होंगे। 20 प्रतिशत प्रश्न वस्तुनिष्ठ होंगे जो कि कुल 10 अंकों के और लघु व दीर्घ उत्तरीय सवाल 20 अंकों के होंगे। छठीं से आठवीं की मिड टर्म और मुख्य परीक्षा 60-60 अंकों की होगी। परीक्षा के लिए पांचवीं और आठवीं के छात्रों की 60 प्रतिशत हाजिरी भी अनिवार्य है।

दो टर्म में पाठ्यक्रम बांटा

निदेशालय के मुताबिक तीसरी से पांचवीं के छात्रों की परीक्षा दो टर्म के आधार पर होगी। मिड टर्म और मुख्य परीक्षा। दोनों ही टर्म की परीक्षाओं का पाठ्यक्रम भी अलग होगा। मिड टर्म की परीक्षा में प्रश्न पहले टर्म के पाठ्यक्रम से बाहर से पूछे जाएंगे। मुख्य परीक्षा में प्रश्न दूसरे टर्म के पाठ्यक्रम के भीतर से पूछे जाएंगे। इसके साथ ही छात्रों को प्रश्न पत्र भी इस तरह जारी किया जाएगा कि छात्र उसी में उत्तर भी लिखें। प्रश्न पत्र में उत्तर लिखने की जगह दी जाएगी।

वहीं, छठीं से आठवीं तक में भी मिड टर्म की परीक्षा में प्रश्न पहले टर्म के पाठ्यक्रम से बाहर से पूछे जाएंगे। वहीं, मुख्य परीक्षा में सभी प्रश्न पहले और दूसरे टर्म के पाठ्यक्रम के बाहर से पूछे जाएंगे।

पास न हुए छात्र को किया जाएगा प्रमोट

पांचवीं और आठवीं कक्षा उत्तीर्ण करने और आगे की कक्षा में क्रमोन्नत होने के लिए छात्रों को हर विषय के साथ कुल मिलाकर भी परिणाम में न्यूनतम 33 प्रतिशत प्राप्त करने होंगे। वहीं, जो छात्र पास नहीं हुए होंगे उन्हें अगली कक्षा में क्रमोन्नत करने के लिए प्रमोट किया जाएगा। प्रमोट होने के लिए छात्रों को मिड टर्म और मुख्य परीक्षा में न्यूनतम 25 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे।

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प्रमोट हुए छात्र को अधिकतम 10 अंक तक ग्रेस मार्क्स दिए जा सकेंगे। वहीं, जिन छात्रों को मुख्य परीक्षा में 25 प्रतिशत से भी कम अंक होंगे उनकी दोबारा परीक्षा ली जाएगी। ये परीक्षा परिणाम जारी होने के दो माह के अंदर ही आयोजित कराई जाएगी। कक्षा पांचवीं के लिए कुल 50 अंकों की परीक्षा दो घंटे और कक्षा आठ के लिए कुल 60 अंकों की परीक्षा ढाई घंटे चलेगी। इस परीक्षा में भी अगर छात्र 25 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त करते हैं तो उन्हें क्रमोन्नत नहीं किया जाएगा। ऐसे छात्र एसेंशियल रिपीट श्रेणी में आएंगे और उन्हीं अपनी कक्षा दोबारा पढ़नी होगी।

ऐसे होगा मूल्यांकन

  • परीक्षा : विवरण अंक
  • आंतरिक मूल्यांकन : छात्र की उपस्थिति : 5
  • आंतरिक मूल्यांकन : विषय संवर्धन : 5
  • आंतरिक मूल्यांकन : परियोजना आधारित गतिविधियां : 5
  • आंतरिक मूल्यांकन : पोर्टफोलियो : 5
  • आंतरिक मूल्यांकन : एकाधिक मूल्यांकन : 5
  • आंतरिक मूल्यांकन : आवधिक (यूनिट) परीक्षा : 5
  • मिड टर्म परीक्षा : छात्रों के बुनियादी सीखने के परिणामों की उपलब्धियों का परीक्षण होगा : 20
  • मुख्य परीक्षा : छात्रों के बुनियादी सीखने के परिणामों की उपलब्धियों का परीक्षण होगा : 50
  • कुल : 100

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