हेरोइन तस्करी के आरोप में 88 साल की महिला गिरफ्तार, 9 बार पहले भी हो चुकी है अरेस्ट
88 साल की एक महिला को हेरोइन की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ये गिरफ्तारी इंद्रपुरी से की गई है।
नई दिल्ली, एएनआइ। नशीले पदार्थों की तस्करी के आरोप में एंटी नारकोटिक्स सेल ने 88 साल की एक महिला को गिरफ्तार किया है। ये गिरफ्तारी इंद्रपुरी से की गई है। महिला के पास से 16 ग्राम हेरोइन बरामद की गई है।
दिल्ली पश्चिम की डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने बताया कि महिला को इससे पहले 1996 से अब तक नौ बार इसी तरह के अपराध में गिरफ्तार किया जा चुका है।
जानकारी के अनुसार, एंटी नारकोटिक्स सेल को इंद्रपुरी में नशीले पदार्थों की तस्करी की सूचना मिली थी। सूचना के बाद पहुंची टीम ने महिला को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल पुलिस आरोपित महिला से पूछताछ कर रही है।
डीसीपी के अनुसार 88 साल की महिला हेरोइन बेचती है। उसके पास से 16 ग्राम हेरोइन भी जब्त की गई है। बताया जा रहा है कि पूछताछ के बाद पुलिस महिला से जुड़े लोगों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी में है।
हेरोइन तस्करी का सरगना हुआ था गिरफ्तार
इससे पहले पिछले महीने जुलाई में पुलिस ने अफगानिस्तान से भारत में की जा रही हेरोइन की तस्करी में दिल्ली गिरोह का सरगना तिफल नाउ खेज को गिरफ्तार किया था। निशानदेही पर नवी मुंबई से 130 किलो हेरोइन बरामद की गई थी। जबकि पांच अफगानी तस्करों सहित आठ लोगों से 330 किलो हेरोइन बरामद की जा चुकी है।
तिफल दिल्ली में अफगानी गिरोह का मुखिया था। उसने जाकिर नगर इलाके में हेरोइन की प्रोसेसिंग यूनिट लगा रखी थी। स्पेशल सेल के अधिकारियों के मुताबिक मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर निवासी तिफल नाउ खेज बचपन में ही दिल्ली आ गया था। यहां आकर 10 वर्ष की उम्र में ही वह मैकेनिक का काम करने लगा। पांच वर्ष बाद उसने आटो रिक्शा चलाना शुरू कर दिया था। काम में फंस जाने के कारण तिफल शिक्षा ग्रहण नहीं कर सका। लेकिन, अमीर बनने की चाहत में वह किसी भी हद तक जाने को तैयार था।
कारोबार में भी आजमाया हाथ
इसी क्रम में उसने रियल एस्टेट, कॉस्मेटिक, वस्त्र व्यवसाय सहित भवन निर्माण सामग्री के व्यापार में भी हाथ आजमाया। इसी बीच उसने स्थानीय तस्करों के साथ मिलकर ड्रग्स की तस्करी शुरू कर दी। तस्करी के एक मामले में वर्ष 2013 में पंजाब पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। उसी समय अमृतसर जेल में उसने भारत में सक्रिय ड्रग्स तस्करों की जानकारी जुटाई।
इसके बाद जेल से बाहर आते ही मजबूत नेटवर्क खड़ा कर लिया। उसे जब पता चला कि भारत में मुख्य रूप से अफगान और पाकिस्तान के तस्करों द्वारा हेरोइन खपाई जाती है, तो उसने इन दोनों देशों के तस्करों से संपर्क बढ़ाना शुरू कर दिया। इसी बीच उसकी पहचान अफगानी ड्रग्स तस्करों के सरगना हाजी से हुई। हाजी की मदद से वह अफगानी और भारत के हेरोइन तस्करों के बीच संपर्क का प्रमुख माध्यम बन गया।
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