UP: गाजियाबाद में बहते नाले में गिरी 8 साल की बच्ची, 12 घंटे बाद तैरता मिला शव
इंदिरापुरम अहिंसा दो रेल विहार के निकट नाले में गिरने वाली 8 साल की मासूम प्रियंका अपने माता पिता की इकलौती बेटी थी।
गाजियाबाद (जेएनएन)। दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में जिले में दहशरे की रात को बड़ा हादसा हुआ है। इंदिरापुरम क्षेत्र में साया सोसायटी वाले मार्ग पर कनावनी के निकट एक गड्ढे में 8 साल की बच्ची शुक्रवार रात गिर गई। बताया जा रहा है कि गड्ढे के जरिये वह नाले में बह गई। शनिवार को सुबह स्थानीय पुलिस और एनडीआरएफ की टीम में उसका शव नाले से निकाला। बच्ची का शव घटनास्थल से 30 मीटर की दूरी पर मिला।
बच्ची का नाम प्रियंका है और वह गांव का कनावनी की रहने वाली था। पिता का नाम संतोष है जो मजदूरी करता है। बताया जा रहा है कि गड्ढे में गिरने के बाद नाले के जरिये प्रियंका आगे बह गई थी। शुक्रवार देर रात पुलिस और एनडीआरएफ की टीम को सूचना दे दी गई थी, बचाव व राहत का काम चल रहा था।
पहले ही उम्मीद जताई जा रही थी कि नाली में तेज बहाव है, जिससे प्रियंका कहीं बह गई होगी। एओए ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य अधिकारियों को भी ट्वीट किया था।
इंदिरापुरम अहिंसा दो रेल विहार के निकट नाले में गिरने वाली 8 साल की मासूम प्रियंका अपने माता पिता की इकलौती बेटी थी। प्रियंका की माता राधा रानी घरों में घरेलू सहायिका का काम करती है। बेटी के पिता संतोष ने बताया है कि प्रियंका के अलावा उसके 3 पुत्र भी हैं। बेटा रितेश 5 साल, मुकेश 3 साल और सोनू अभी 1 साल का है। करीब चार माह पूर्व संतोष अपने परिवार के साथ गाजियाबाद के कनावनी गांव में रहने आया था। मूल रूप से हरदोई का रहने वाला संतोष नोएडा सेक्टर 63 की एक कंपनी में सफाई कर्मचारी का काम किया करता था। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार रात को इंदिरापुरम रामलीला मेला देखकर संतोष परिवार संग घर लौट रहा था जिस दौरान यह हादसा हुआ रात का करीब 10:30 बजे का समय था। हादसे के बाद मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने बचाव काम शुरू कर दिया था। वही देर रात एनडीआरएफ और नगर निगम की टीम भी मौके पर पहुंच गई थी।
खुले नाले बने हुए हैं जानलेवा
ट्रांस हिंडन में खुले नाले, गड्ढे और उनमें जमा गंदगी हादसे की वजह बनते हैं। नाले के आसपास दर्जनों हादसों के बाद केवल बृज विहार नाले की चारदिवारी की गई है जबकि शहीद नगर, साइट चार, वैशाली सेक्टर-पांच-छह और खोड़ा सहित अर्थला तक में खुले नाले जानलेवा हैं। गाजियाबाद में के बाद एक हुए दो हादसों के बाद नालों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई है। नालों में गिरकर ट्रांस हिंडन में बीते पांच साल के दौरान खोड़ा, महाराजपुर गांव, शहीद नगर, वैशाली और वसुंधरा प्रहलादगढ़ी में कई मासूम मौत के मुंह में जा चुके हैं।
अब भी यहां पर है खतरा
उधर, साइट चार में औद्योगिक क्षेत्र चौकी के सामने कट पर लंबे समय से नाला खुला हुआ है। यहां पर कई हादसे होने के बाद दो पत्थर के रोड बैरियर रखे लेकिन अभी भी वहां पर कोई भी छोटा वाहन और पैदल आने-जाने वाले भी अंधेरे या संतुलन बिगड़ने पर गिर सकते हैं। इसी के साथ वैशाली में खुले नाले पर दो डेढ़ साल पूर्व हुई बच्ची गिरने के बाद से नाले की समय समय पर साफ सफाई करवाई जाती है। वहीं शहीद नगर और साहिबाबाद के शहीद नगर, शालीमार गार्डन, लाजपत नगर और अर्थला में भी खुले नाले कभी भी जानलेवा साबित हो सकते हैं।
कब-कब हुए हादसे
- 21 जुलाई 2018 को साहिबाबाद के लाजपत नगर में बच्ची की नाले में गिरकर मौत
- 26 दिसंबर 2015 वैशाली सेक्टर-6 नाले में गिरने से जानवी की मौत
- 12 जुलाई 2012 वसुंधरा में चार साल के सन्नी की नाले में गिरने से मौत
- 21 अगस्त 2012 रामपुरी में एक साल के शमीम की नाले में गिरने से मौत
- 08 दिसंबर 2012 लिंक रोड के खुले नाले में गिरी कार
- 24 नवंबर 2011 वैशाली में नाले में गिरकर इंजीनियर की मौत
वहीं, नगर आयुक्त सीपी सिंह का कहना है कि नगर निगम को इस संबंध में कई शिकायतें मिलती हैं। साथ ही जब तक न्यायालय या शासन से नाले को कवर करने का आदेश मिलता है तभी उसे कवर या चार दीवारी की जा सकती है।