Move to Jagran APP

जेवर एयरपोर्टः 72 फीसद किसानों ने दिया सहमति पत्र, जनवरी से शुरू होगा अधिग्रहण

उम्मीद जताई जा रही है कि दीपावली तक नोटिफिकेशन जारी हो जायेगा। अगर ऐसा होता है, तो जनवरी 2019 से जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी।

By Amit SinghEdited By: Published: Thu, 18 Oct 2018 03:53 PM (IST)Updated: Thu, 18 Oct 2018 03:53 PM (IST)
जेवर एयरपोर्टः 72 फीसद किसानों ने दिया सहमति पत्र, जनवरी से शुरू होगा अधिग्रहण

नोएडा, जेएनएन। जेवर में प्रस्तावित ग्रीनफील्ड अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को जल्द पंख लगने की उम्मीद है। प्रस्तावित एयरपोर्ट निर्माण की जमीन देने के लिये किसानों को प्रशासन ने राजी कर लिया है। अधिग्रहण से प्रभावित 6 गांवों के करीब 72 फीसद किसानों ने यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण को सहमति पत्र सौंप दिया है।

loksabha election banner

प्रधिकरण से किसानों की सूची मिलने के बाद एडीएम (भूमि अर्जन) ने अधिग्रहण का प्रस्ताव बनाकर गौतमबुद्धनगर के डीएम को भेजा था। इसे हरी झंडी देते हुए डीएम बीएन सिंह ने मंगलवार को शासन को रिपोर्ट भेजकर नोटिफिकेशन जारी करने की मांग की है। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद किसानों को 60 दिन में अपनी आपत्तियां दर्ज करानी होंगी। आपत्तियों का निस्तारण कर प्राधिकरण जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू करेगा।

डीएम बीएन सिंह ने बताया कि ग्रीनफील्ड अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए 1334 हेक्टेयर जमीन की जरूरत पड़ रही है। इसकी जद में 6 गांव रोही, दयानतपुर, पारोही, किशोरपुर, रन्हेरा और बनवारी बांस आ रहे हैं। इन गांवों के किसानों की कुल 1239.1416 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। शेष 94.8584 हेक्टेयर ग्राम समाज की जमीन ली जाएगी।

छह गांव के 5905 परिवार होंगे प्रभावित

डीएम ने बताया कि प्रोजेक्ट के लिए गठित की गई सोशल इम्पेक्ट असेसमेंट (एसआइए) की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रोजेक्ट से 6 गांवों के 5905 परिवार प्रभावित होंगे, जिसमे 5007 परिवार कृषि से जुड़े हुए हैं, जबकि 898 परिवार भूमिहीन हैं। प्रभावित 5905 परिवारों में से 4235 ने जमीन देने की सहमति जता दी है, जो जमीन अधिग्रहण के लिये जरूरी 70 प्रतिशत से अधिक है। शेष किसानों को भी मनाने का प्रयास किया जा रहा है।

तीन गांवों को किया जायेगा विस्थापित

डीएम बीएन सिंह ने बताया कि प्रोजेक्ट की वजह से रोही, दयानतपुर और किशोरपुर गांव को विस्थापित करना पड़ेगा। विस्थापन से इन गांवों के 1775 परिवार प्रभावित होंगे। प्रशासन इनके लिये दूसरे स्थान पर पुनर्वास की व्यवस्था करेगा। शासन के नियमानुसार इन्हें सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी। इसके लिये एक आरआर अधिकारी की नियुक्ति की जायेगी, जो किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए उन्हें सभी सुविधाएं मुहैया करायेगा।

जनवरी से जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद

प्रशासन की रिपोर्ट शासन को मिल चुकी है। डीएम का कहना है कि मुख्यमंत्री स्वयं एयरपोर्ट को लेकर काफी गंभीर हैं। इसलिये नोटिफिकेशन जल्द जारी होने की उम्मीद है। उम्मीद जताई जा रही है कि दीपावली तक नोटिफिकेशन जारी हो जायेगा। अगर ऐसा होता है, तो जनवरी 2019 से जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी।

जीबीयू ने किया है सामाजिक प्रभाव का आंकलन

एयरपोर्ट की भूमि अधिग्रहण के लिये भूमि अर्जन पुनर्वास और विस्थापन में उचित मुआवजा और पारदर्शिता के आंकलन के लिये गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय को नामित करते हुए सोशल इम्पेक्ट असेसमेंट स्टडी (एसआइए) का गठन किया था। जीबीयू ने मार्च 2018 में एसआइए रिपोर्ट और सामाजिक समाघात प्रबंधन योजना का ड्रॉफ्ट उपलब्ध कराया था। एसडीएम की अध्यक्षता में एसआइए टीम के सदस्यों और यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों की उपस्थिति में गांवों में कैम्प लगाकर लोक सुनवाई की गई थी। इसकी रिपोर्ट 19 जून को नामित एजेंसी जीबीयू ने शासन को भेजी थी। एसआइए की रिपोर्ट पर प्रशासन, प्राधिकरण समेत अन्य विशेषज्ञों ने 10 अगस्त को बैठक कर सहमति प्रदान की।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.