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अब दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास होटल से मिलीं 53 नेपाली महिलाएं, मानव तस्करी का संदेह

इससे पहले 25 जुलाई की रात भी दिल्ली में बरामद की गई थीं 16 नेपाली लड़कियां। 17 जुलाई को जयपुर एयरपोर्ट पर 23 नेपाली लड़कियों की हुई थी जांच।

By Amit SinghEdited By: Published: Wed, 01 Aug 2018 07:10 PM (IST)Updated: Wed, 01 Aug 2018 07:10 PM (IST)
अब दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास होटल से मिलीं 53 नेपाली महिलाएं, मानव तस्करी का संदेह

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली में संदिग्ध रूप से नेपाली महिलाओं और युवतियों के मिलने का सिलसिला थम नहीं रहा है। अब मंगलवार रात दिल्ली पुलिस ने दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की सूचना पर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास मौजूद एक होटल से एक साथ 53 नेपाली महिलाओं और युवतियों को बरामद किया है।

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संदेह है कि इन्हें मानव तस्करी के लिया यहां लाया गया था। हालांकि पूछताछ में कुछ महिलाओं ने बताया कि वह अपनी मर्जी से आई हैं। प्राथमिक जांच में पुलिस को कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। पुलिस और महिला आयोग की टीम शेष महिलाओं और युवतियों से पूछताछ कर मामले की जांच कर रही है।

बताया जा रहा है कि डीसीडब्ल्यू ने मंगलावर देर रात दिल्ली पुलिस को सूचना दी कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास पहाड़गंज क्षेत्र के एक होटल में काफी संख्या में नेपाली युवतियों और महिलाओं को लाया गया है। सूचना पर दिल्ली पुलिस उस होटल में पहुंची तो वहां कोई बरामद नहीं हुआ। इसके बाद डीसीडब्ल्यू ने नजदीक के ही एक और होटल हृदय इन में नेपाली युवतियों और महिलाओं के होने की सूचना दी। सूचना पर दिल्ली पुलिस ने होटल में छापा मारा तो वहां से एक साथ 53 महिलाएं और युवतियां बरामद हुईं।

पुलिस ने होटल का रिकॉर्ड चेक किया तो नेपाली महिलाओं के वहां ठहरने की पूरी एंट्री सही मिली। जांच में सभी के पास नेपाल की नागरिकता के दस्तावेज भी बरामद हुए। पुलिस के अनुसार होटल में ठहरने के लिए जो नियम व शर्तें पूरी की जानी चाहिए थीं, जांच में सब पुरी मिलीं। इसके बाद पुलिस और डीसीडब्ल्यू की टीम ने संयुक्त रूप से महिलाओं की काउंसलिंग की। इसके बाद पूछताछ में 14 महिलाओं ने बताया कि वह अपनी मर्जी से वहां आई हैं।

संदेह होने पर टीम ने 16 युवतियों का मेडिकल परीक्षण भी कराया। परीक्षण में उनके साथ कुछ भी गलत होने की पुष्टि नहीं हुई। हालांकि 21 महिलाओं और युवतियों ने मेडिकल परीक्षण कराने से इंकार कर दिया। पुलिस के अनुसार अभी तक मानव तस्करी का कोई सबूत नहीं मिला है। इसलिए कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है। हालांकि मामले में जांच जारी है। सभी महिलाओं के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। अगर कुछ संदिग्ध प्रतीत हुआ तो रिपोर्ट दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

25 जुलाई को 16 नेपाली युवतियां मिलीं थीं

इससे पहले 25 जुलाई को भी दिल्ली में 16 नेपाली युवतियां मिलीं थीं। इन्हें कुवैत भेजने के लिए नेपाल से भारत लाया गया था। दिल्ली महिला आयोग की सूचना पर पुलिस ने इन युवतियों को मुनिरका क्षेत्र के एक मकान से छुड़ाया था। इन युवतियों को 22 दिन से मकान के एक कमरे में बंद करके रखा गया था। इन्हें कुवैत में नौकरी दिलाने का झांसा देतकर दिल्ली लाया गया था।

पुलिस से बचने के लिए दलाल इन्हें दो-तीन के ग्रुप में दिल्ली लाया था। दिल्ली लाने के बाद इन्हें इसी मकान के कमरे में बंद कर दिया जाता था। इसके बाद दलाल ने इनके पासपोर्ट जब्त कर लिए थे। मामले में पुलिस ने धोखाधड़ी और मानव तस्करी का केस दर्ज कर कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में युवतियों ने बताया था कि वह पहले भी दुबई जाकर काम कर चुकी हैं। पहले भी कई युवतियां विदेश जाकर काम कर चुकी हैं। इस बार उन्हें कुवैत भेजने के बहाने दिल्ली में लाकर कमरे में बंद कर दिया गया था।

17 जुलाई को जयपुर में 23 नेपाली लड़कियों की हुई थी जांच

इससे पहले 17 जुलाई को जयपुर के सांगानेर एयरपोर्ट पर 23 नेपाली लड़कियों और उनके साथ मौजूद चार लोगों को दस्तावेजों की चेकिंग के दौरान रोका गया था। मानव तस्करी के संदेह में एयरपोर्ट प्रशासन द्वारा रोका गया था। सभी लड़कियां दुबई जा रहीं थीं।

जांच के दौरान ये लड़कियां संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहीं थीं। इनके द्स्तावेजों में भी कमी पाई गई थी। हालांकि जांच के दौरान इनकी फ्लाइट छूट गई थी, जिस पर लड़कियों ने काफी हंगामा भी मचाया था। हालांकि जांच में पता चला कि लड़कियां भारत में अलग-अलग क्षेत्रों में नौकरी करती हैं और एक साथ दुबई घूमने जा रहीं थीं।


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