कई बैंकों के 50,000 से अधिक ग्राहकों का डेटा चुराने वाले गैंग का पर्दाफाश
पूछताछ में खुलासा हुआ है कि डेटा मैनेज करने वाली नामी कंपनी मनी मंत्रा में कार्यरत कर्मचारी शैलेंद्र अवैध तरीक़े से इस गिरोह को पैसे लेकर क्रेडिट कार्ड धारकों का डेटा बेचता था।
नोएडा, जेएनएन। वर्तमान समय में दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे भारत में तकनीक बढ़ने के साथ साइबर क्राइम भी तेजी से बढ़ रहा है। शातिरों ने अब इसके लिए नए-नए तरीके ईजाद करने शुरू कर दिए हैं, यही वजह है कि सतर्कता बरतने के बावजूद साइबर क्राइम पर लगाम नहीं लग पा रही है। इस बीच सोमवार की रात यूपी एसटीफ की नोएडा यूनिट को विभिन्न बैंकों से क्रेडिट कार्ड फ़्रॉड करने वाले संगठित गिरोह के सरगना सहित 4 लोगों को थाना कविनगर अंतर्गत गिरफ़्तार करने में सफलता प्राप्त की है। गिरफ्तार शातिरों में बलदेव सिंह तोमर (पिलखवा) तो संजीव, तपेस्वर और गजेंद्र ग़ाज़ियाबाद के रहने वाले हैं।
यहां पर बता दें कि इस गिरोह के निशाने पर आर्मी के कई क्रेडिट कार्ड होल्डर भी थे। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि डेटा मैनेज करने वाली नामी कंपनी मनी मंत्रा में कार्यरत कर्मचारी शैलेंद्र अवैध तरीक़े से इस गिरोह को पैसे लेकर क्रेडिट कार्ड धारकों का डेटा बेचता था। यहां पर बता दें कि मनी मंत्रा कई महत्वपूर्ण बैंकों का डेटा मैनेज करने का काम करती है।
गिरफ़्तार अभियुक्तों के क़ब्ज़े से कई बैंकों के क़रीब 50,000 उपभोक्ताओं का डेटा बरामद हुआ है। इसी डेटा के आधार पर यह गिरोह उपभोक्ताओं को काल करके ओटीपी ले लेता था फिर उनके अकाउंट्स में सेंध लगाकर उसे Mobikwik के इसी ठगी के लिए बनाए गए वॉलेट में कस्टमर्ज़ का पैसा ट्रांसफर कर लेते थे। फिर उसके बाद ये पैसा कई अन्य अकाउंट्स में ट्रांसफर करके निकाल लेते थे।
गिरफ़्तार अभियुक्तों के पास से सिटी बैंक, आइसीआइसीआइ, एक्सिस बैंक, इंडसलैंड, आरबीएल समेत कई बैंकों से जुड़े उपभोक्ताओं के डेटा व कई अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज़ बरामद हुए हैं। इन्हीं लोगों द्वारा ठगे गए NDRF में नियुक्त एक उप निरीक्षक द्वारा थाना कविनगर पर अभियोग पंजीकृत कराया गया था।
यहां पर बता दें कि पिछले कुछ समय में ऑनलाइन फ्रॉड का ग्राफ तेजी से बढ़ा है इससे इन्कार नहीं किया जा सकता है। खास बात यह कि इसमें पढ़े-लिखे लोग भी चिकनी-चुपड़ी बातों में आकर ठगे जा रहे हैं। ऐसे में आवश्यक है कि यदि किसी अंजान व्यक्ति का कॉल मोबाइल पर आए और वह व्यक्ति स्वयं को बैंक का प्रबंधक या कर्मी बताकर अपने खाता एवं एटीएम लॉक होने, अपडेट कराने की बात कहकर खाते से संबंधित गुप्त जानकारी आपका खाता संख्या, एटीएम कार्ड संख्या, पिन संख्या, सीबीसी संख्या, ओटीपी, आधार संख्या या पैन संख्या के बारे में जानकारी मांगता है तो ऐसे व्यक्तियों को अपने बैंक खाता से संबंधित किसी भी तरह के विवरणी की जानकारी नहीं दें।
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