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प्रदूषण से Delhi NCR में त्राहिमाम, 40 फीसद लोग छोड़ना चाहते हैं दिल्‍ली, सर्वे में चौंकाने वाले खुलासे

Pollution in Delhi NCR प्रदूषण की मार से दिल्‍लीवासी इतने परेशान है कि वे Delhi NCR में अपना आशियाना नहीं बनाना चाहते हैं। एक सर्वे में यह खुलासा हुआ है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 03 Nov 2019 03:46 PM (IST)Updated: Mon, 04 Nov 2019 09:47 AM (IST)
प्रदूषण से Delhi NCR में त्राहिमाम, 40 फीसद लोग छोड़ना चाहते हैं दिल्‍ली, सर्वे में चौंकाने वाले खुलासे

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। Pollution in Delhi NCR दिल्‍ली/एनसीआर पर वायु प्रदूषण की तगड़ी मार पड़ रही है। एक अध्‍ययन के मुताबिक, टीबी जैसी गंभीर बीमारियों से आम लोगों की जिंदगी के 3.5 माह कम कर देती है वहीं वायु प्रदूषण जीवन के 1.8 साल की अवधि को कम कर देता है। यही कारण है कि राष्‍टीय राजधानी क्षेत्र में रहने वाले लोग दिल्‍ली एनसीआर को छोड़कर दूसरे शहरों में बसना चाहते हैं। एक नए सर्वे में पाया गया है कि लोग वायु प्रदूषण की वजह से दिल्‍ली एनसीआर में रहने वाले 40 फीसद लोग दूसरे शहरों में अपना आशियाना बनाना चाहते हैं।

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सर्वे के नतीजों के मुताबिक, एनसीआर में रहने वाले 16 फीसद लोग ऐसे हैं जो प्रदूषण बढ़ने के दौरान देश के दूसरे इलाकों की यात्रा पर जाना चाहते हैं। वहीं 13 फीसद का कहना था कि कि प्रदूषण के बढ़ते स्तर से निपटने के लिए उनके पास कोई विकल्प नहीं है। हालांकि, 31 फीसद लोग कहते हैं कि वे दिल्‍ली एनसीआर में ही रहेंगे और प्रदूषण से बचने के लिए एयर प्‍यूरीफायर, मास्‍क का इस्‍तेमाल करेंगे। इस सर्वे में 17,000 लोगों को शामिल किया गया।

ऑन लाइन प्‍लेटफॉर्म (Local Circles) की ओर से कराए गए इस सर्वे के मुताबिक, दिल्‍ली एनसीआर में रहने वाले 44 फीसद लोगों का कहना है कि उन्‍हें प्रदूषण के कारण विभिन्‍न स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं का सामना करना पड़ा हालांकि, अस्‍पताल के चक्‍कर नहीं लगाने पड़े। लोगों से पूछा गया था कि वायु प्रदूषण कैसे उन्‍हें और उनके परिजनों को प्रभावित कर रहा है। 13 फीसद लोगों ने बताया कि प्रदूषण से पैदा हुई समस्‍याओं के कारण उनमें से कई लोगों को अस्‍पताल तक के चक्‍कर लगाने पड़े। 29 फीसद का कहना था कि उनमें से कई लोग पहले से ही इस समस्‍या के कारण डॉक्‍टरों के पास जा रहे हैं।

सर्वे में केवल 14 फीसद दिल्‍ली वासी ऐसे थे जिन्‍होंने कहा कि उनके स्‍वास्‍थ्‍य पर प्रदूषण का प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है। बता दें कि दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण अति गंभीर स्थिति में पहुंचने के कारण पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने शुक्रवार को हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी थी। ईपीसीए की ओर से कहा गया है कि प्रदूषण की यह स्थिति स्थानीय कारकों, दिवाली की रात जलाए गए पटाखों, पराली के धुएं और मौसमी परिस्थितियों का मिश्रित परिणाम है। रिपोर्टों के मुताबिक, दिल्ली के प्रदूषण में पंजाब व हरियाणा में पराली जलाने से निकले धुएं की हिस्सेदारी 46 फीसद तक पहुंच गई है।  


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