दिल्ली में गिरा 3 मंजिला मकान, 2 की मौत, कई की हालत गंभीर; मलबे से निकाले गए 7 लोग
मलबे में एक ही परिवार के करीब आठ लोग दब गए और पड़ोस के मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए। सूचना मिलते ही पुलिस और दमकल की कई टीमें मौके पर पहुंची।
नई दिल्ली, जेएनएन। पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर इलाके में सोमवार रात ए ब्लॉक की झुग्गियों में अचानक एक तीन मंजिला मकान जमीनदोज़ हो गया। मलबे में एक ही परिवार के करीब आठ लोग दब गए और पड़ोस के मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए। सूचना मिलते ही पुलिस और दमकल की कई टीमें मौके पर पहुंची। टीम ने रात 12 बजे तक एक बच्ची समेत छह लोगों को मलबे से निकलकर जग प्रवेश चंद अस्पताल में भर्ती करवाया। अस्पताल में सभी की हालत गंभीर बनी हुई है, जबकि देर रात तक मलबे से लोगों के निकालने का काम जारी रहा। इस हादसे में अब तक दो लोगों की मौत की सूचना है, जबकि तीन लोग भी बुरी तरह घायल हैं, जिनका नजदीक के अस्पताल में इलाल चल रहा है।
पुलिस के अनुसार के अनुसार इमरान अपने परिवार के साथ तीन मंजिला मकान में रहते हैं। उनके बराबर में यासीन और इस्माइल नाम के व्यक्ति का मकान है। रात करीब आठ बजे इमारत का मकान अचानक ज़मीनदोज़ हो गया। इसकी चपेट में यासीन और इस्माइल का मकान भी आ गया। जिस वक्त हादसा हुआ इमरान, यासीन और इस्माइल अपने परिवार के साथ मकान में मौजूद थे। उन्हें इतना वक़्त भी नहीं मिला कि वह घर से बाहर निकल पाते।
यहां के स्थानीय लोगों की माने तो इमरान का आठ लोगों का परिवार मलबे में दब गया और यासीन भी अपने परिवार के साथ मलबे में दब गए। लोगों की माने तो मकान गिरने की आवाज़ इतनी तेज थी कि जैसे किसी ने बम फोड़ दिया हो, आवाज़ सुनकर पड़ोसी मौके पर पहुंचे। लेकिन मलबा ज़्यादा होने की वजह से वह दबे लोगों की मदद नहीं कर पा रहे थे।
घटना की जानकारी पुलिस, दमकल विभाग और जिला प्रसाशन को दी गईं। बचाव दल ने कड़ी मशक्कत के बाद छह लोगो को मलबे से निकालकर अस्पताल में भर्ती करवाया। सूचना है कि अस्पताल में 22 वर्षीय युवती मोनी ने दम तोड़ दिया। लेकिन पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि जब तक अस्पताल से आधिकारिक पुष्टि नहीं हो जाती तब तक किसी को मृत नहीं कहा जा सकता। रात 12:30 बजे तक इमरान और यासीन समेत पांच लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका व्यक्त की गई। बचाव दल लोगों को बचाने में जुटे रहे।
झुग्गियों को बना दिया पक्का मकान
जहां पर हादसा हुआ वहाँ झुग्गियां बनी हुई हैं। लोगों की माने तो सरकार और निगम की अनदेखी के कारण यहां लोगों ने झुग्गियों की जगह कई कई मंजिल पक्के मकान बना लिए हैं। उसी के चलते यह हादसा हुआ। क्योंकि इन मकानों को बनाने से पहले कोई नक्शा पास नहीं करवाया गया,जिसका जैसे दिल मे आया उसने वैसे मकान बना लिया।
बचाव कार्य में आई दिक्कत
जहाँ पर यह मकान गिरा है वह गली संकरी है। ऐसे में वहां क्रेन व अन्य मशीनें नहीं जा सकी। बचाव कार्य मे लगे लोगों ने शुरुआत में हाथ से मलबा हटाया। वहां तक एबुलेंस भी नहीं पहुंच सकी। घायलों को स्ट्रेचर पर लेटकर मुख्य रोड पर खड़ी एबुलेंस तक लाया गया और वहां से अस्पताल लेकर जाया गया।
अतुल कुमार ठाकुर (ज़िला पुलिस उपायुक्त उत्तरी पूर्वी) का कहना है कि मकान गिरने से सात से आठ लोग जख्मी हुए हैं। सभी का इलाज अस्पताल में चल रहा। मलबा हटाने का काम जारी है, हो सकता है कुछ लोग दबे हो।