2012 Nirbhaya Case: दरिंदों की छुअन को धोना चाहती थी निर्भया, मौत से पहले मां को बताई थी आखिरी इच्छा
दर्द और इलाज के बीच निर्भया अपने आखिरी वक्त में अपनी मां से कई बातें शेयर करती थी। इसी में एक ऐसा वाक्या आया जब निर्भया ने अपनी मां से यह भी बताया था वह क्या करना चाहती थी।बता दें कि निर्भया की मौत इलाज के दौरान ही हुई थी।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। निर्भया, जिस नाम को याद कर ही लोगों के मन में गुस्सा और दंरिदों के खिलाफ एक अजीब सी नफरत साफ देखी जा सकती है। इसके साथ ही दिल्ली की उस ठंड की काली रात और भयावह दर्द और पीड़ा से कराहती लड़की की याद आ जाती है। लोगों का गुस्सा जायज भी है देर से मिला न्याय कहीं-न-कहीं लोगों के मन में ऐसी नफरत भर ही देता है। लड़कियों के ऊपर गंदी निगाह डालने वालों के लिए सख्त सजा की मांग इस केस के बाद ना सिर्फ दिल्ली में बल्कि पूरे देश में उठी थी। आइए जानते हैं निर्भया अपने आखिरी दिनों में मां से किस तरह की बातें शेयर किया करती थी।
दर्द और इलाज के बीच बीता था उसके जीवन का आखिरी हफ्ता
दर्द और इलाज के बीच निर्भया अपने आखिरी वक्त में अपनी मां से कई बातें शेयर करती थी। इसी में एक ऐसा वाक्या आया जब निर्भया ने अपनी मां से यह भी बताया था वह क्या करना चाहती थी। बता दें कि निर्भया की मौत इलाज के दौरान ही हुई थी जब वह अस्पताल लाई गई थी तब उसकी हालत काफी सीरियस थी जिसके कारण उसे विदेश में इलाज के लिए भेजा गया था। हालांकि, वहां भी डॉक्टर भी उसे बचा नहीं पाए।
पर्ची में लिखी थी अपनी इच्छा
मौत से सात दिन पहले निर्भया ने मां को अपनी इच्छा बताई थी जो शायद आखिरी इच्छा बन कर रह गई। मौत से कुछ दिन पहले निर्भया की हालत ज्यादा खराब थी उस वक्त वह ज्यादा बोल नहीं पा रही थी। इस कारण वह अपनी मां को छोटी-छोटी पर्चियों पर लिख कर अपने दिल की बातें शेयर कर रही थी। इसी में एक पर्ची पर उसने लिखा था मां मैं नहाना चाहती हूं। मैं उन दरिंदों की गंदी छुअन को धोना चाहती हूं। मां मैं झरने के नीचे बैठ कर नहाना चाहती हूं। दन दरिंदों की गंदी छुअन के कारण मुझे अपने ही शरीर से नफरत हो गई है। आप कहीं मत जाना, मुझे अकेले में डर लगता है। बता दें कि 29 दिसबंर को निर्भया की मौत हो गई थी। यह पर्ची उसने 22 दिसंबर को लिखी थी। जानकारी के लिए बता दें कि ठीक एक साल पहले 20 मार्च, 2020 को सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर निर्भया के चारों दोषियों (मुकेश कुमार सिंह, अक्षय सिंह ठाकुर, विनय कुमार शर्मा और पवन कुमार गुप्ता) को तिहाड़ जेल में फांसी पर लटका दिया गया था।