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Delhi: 17 साल पहले तत्कालीन PM मनमोहन सिंह की हत्या की साजिश की दी थी झूठी सूचना, कोर्ट ने आरोपी को किया बरी

17 साल पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश रचने से संबंधित झूठी सूचना देने के मामले में बृहस्पतिवार को कड़कड़डूमा कोर्ट ने एक व्यक्ति को बरी कर दिया। महानगर दंडाधिकारी के कोर्ट ने आदेश में कहा कि पुलिस आरोप साबित नहीं कर पाई है।

By ashish guptaEdited By: Abhi MalviyaPublished: Fri, 14 Apr 2023 10:49 PM (IST)Updated: Fri, 14 Apr 2023 10:49 PM (IST)
Delhi: 17 साल पहले तत्कालीन PM मनमोहन सिंह की हत्या की साजिश की दी थी झूठी सूचना, कोर्ट ने आरोपी को किया बरी
महानगर दंडाधिकारी के कोर्ट ने आदेश में कहा कि पुलिस आरोप साबित नहीं कर पाई है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। 17 साल पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश रचने से संबंधित झूठी सूचना देने के मामले में बृहस्पतिवार को कड़कड़डूमा कोर्ट ने एक व्यक्ति को बरी कर दिया। महानगर दंडाधिकारी के कोर्ट ने आदेश में कहा कि पुलिस आरोप साबित नहीं कर पाई है।

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वह जिस पीसीओ बूथ संचालक के बयान पर भरोसा कर रही है, जिरह के दौरान वह बूथ पर मौजूद न होने की बात कह चुका है। ऐसे में आरोपित महेश को बरी किया जा रहा है।

पुलिस कंट्रोल रूम को 19 जुलाई 2005 को किसी ने फोन कर सूचना दी थी कि साढ़े चार पुश्ता रोड स्थित एक टेलीकाम शाप के संचालक का आतंकवादियों से संबंध है और वह प्रधानमंत्री को मारने की साजिश रच रहा है। उस वक्त डा. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे।

सूचना मिलने पर न्यू उस्मानपुर थाना पुलिस ने जांच शुरू की तो सूचना को झूठा पाया। जांच करते-करते पुलिस एक पीसीओ बूथ तक पहुंची, वहां के संचालक से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने गांवड़ी एक्सटेंशन निवासी महेश को आरोपित बनाते हुए उसके खिलाफ झूठी सूचना देने समेत अन्य आरोपों में प्राथमिकी की थी।

दिसंबर 2010 में महेश के खिलाफ कोर्ट ने आरोप तय किए थे। उस वक्त उसने खुद को बेगुनाह बताते हुए ट्रायल की मांग की थी। आरोपित महेश की तरफ से एनके भदौरिया ने ट्रायल में जिरह की। अभियोजन की तरफ से पांच गवाह पेश किए गए, जिसमें से एक पीसीओ बूथ संचालक था। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने महेश को बरी कर दिया।


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