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Winter Action Plan: वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान तैयार, केजरीवाल 30 सितंबर को करेंगे घोषणा

Winter Action Plan सभी निर्माण कार्य से संबंधित एजेंसियों को धूल प्रदूषण से संबंधित नियमों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया गया है। सर्दियों में होने वाली प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए संबंधित सभी 30 विभागों के साथ पांच सितंबर को संयुक्त बैठक की गई।

By sanjeev GuptaEdited By: Pradeep Kumar ChauhanPublished: Wed, 28 Sep 2022 06:15 AM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2022 06:15 AM (IST)
Winter Action Plan: वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान तैयार, केजरीवाल 30 सितंबर को करेंगे घोषणा
Winter Action Plan: सभी ने विंटर एक्शन प्लान से संबंधित सुझाव/रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है।

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Winter Action Plan: पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि सर्दियों में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान तैयार है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 30 सितंबर को इसकी घोषणा करेंगे। इस प्लान के तहत अब दिल्ली में पांच हजार वर्गमीटर की निर्माण साइट पर एंटी स्माग गन लगाना अनिवार्य होगा। इसके अलावा वायु गुणवत्ता खराब होने के पूर्वानुमानों के आधार पर तीन दिन पहले से ही ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के प्रविधानों को लागू कर दिया जाएगा।

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सभी निर्माण कार्य से संबंधित एजेंसियों को धूल प्रदूषण से संबंधित नियमों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया गया है। मंगलवार को राय ने कहा कि सर्दियों में होने वाली प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए संबंधित सभी 30 विभागों के साथ पांच सितंबर को संयुक्त बैठक की गई। सभी विभागों को 15 सितंबर तक पर्यावरण विभाग को विंटर एक्शन प्लान के तहत विस्तृत कार्ययोजना सौंपने के निर्देश दिए गए थे। सभी ने विंटर एक्शन प्लान से संबंधित सुझाव/रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है।

उन्होंने कहा कि इस बार वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की तरफ से ग्रेप में कुछ परिवर्तन किए गए है। दिल्ली में पहले 2018 से इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम लागू किया जा रहा था। उसका आधार वायु में पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा हुआ करती थी। उसी के आधार पर प्रदूषण के स्तर को पांच वर्गों - सामान्य, खराब, बहुत खराब, गंभीर और आपातकालीन में विभाजित किया गया था।

 इसमें संशोधन करके 2022 में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) स्तर के आधार पर प्रदूषण के स्तर को चार वर्गों -खराब (एक्यूआइ 201-300), बहुत खराब (एक्यूआइ 301-400), गंभीर (एक्यूआइ 401-450) और आपातकालीन (एक्यूआइ >; 450) में बांटा गया है।

पर्यावरण मंत्री ने कहा कि अब वायु गुणवत्ता की स्थिति खराब होने से पहले पूर्वानुमानों के आधार पर तीन दिन पूर्व ही ग्रेप के प्रविधानों को लागू कर दिया जाएगा। एक्यूआइ की भविष्यवाणी आइआइटीएम और आइएमडी के डायन्मिक एयर क्वालिटी फारकास्ट सिस्टम डेटा के आधार पर की जाएगी। धूल प्रदूषण को लेकर पहले केवल 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर के निर्माण साईट पर ही एंटी स्माग गन लगाने का नियम था।

अब नए नियम के आधार पर पांच हजार वर्गमीटर से लेकर उससे अधिक के एरिया के निर्माण साइट पर भी एंटी स्माग गन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में 5 हजार से 10 हजार वर्ग मीटर के निर्माण साइट पर एक, 10 से 15 हजार वर्ग मीटर के निर्माण साइट पर दो, 15 से 20 हजार वर्ग मीटर के निर्माण साइट पर तीन गन जबकि 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर के निर्माण साइट पर कम से कम चार एंटी स्माग गन होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि पिछली बार निर्माण कार्यों से जुड़ी सभी एजेंसियों के साथ मिलकर धूल प्रदूषण को कम करने के लिए काम किया था। इस बार भी हम सभी एजेंसियों से अपील करते हैं कि संबंधित नियमों का कड़ाई से पालन करें। निर्माण कार्य में लगी एजेंसियां जो इन नियमों का पालन नहीं करेंगी, उनपर कार्रवाई की जाएगी।


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