Delhi News: बारहवीं के छात्र ने कबाड़ से बनाई ई-बाइक, एक बार चार्ज करने पर चलती है 110 किमी, कीमत जानकर हैरान रह जाएंगे आप
शमीम ने दिल्ली सरकार से मिली 16 हजार रुपये की सीड मनी से इस बाइक को बनाया है। यह सीड मनी शमीम सहित आठ छात्रों के समूह को दी गई थी जिसे आपसी सहमति से सभी ने शमीम को ही सौंप दिया।
नई दिल्ली [रितु राणा]। होनहार बिरवान के होत चिकने पात’, यह कहावत नंदनगरी बी ब्लाक स्थित भीष्म पितामह सर्वोदय बाल विद्यालय के 12वीं कक्षा (कामर्स) के छात्र शमीम पर बिल्कुल सटीक बैठती है। कामर्स के छात्र शमीम ने कबाड़ से एक ऐसी इलेक्टिक बाइक (ई-बाइक) तैयार की है, जिसकी कीमत सिर्फ 30 हजार है। इतना ही नहीं यह बाइक एक बार चार्ज होने पर 110 किलोमीटर का सफर करती है। आज के महंगाई के दौर में ऐसी ई-बाइक से लोगों को काफी राहत मिल सकती है।
बिजनेस ब्लास्टर्स’ से मिली मदद: दिल्ली सरकार के स्कूलों में शुरू किए गए बिजनेस ब्लास्टर्स कार्यक्रम के तहत प्रतिभावान विद्यार्थी कई रचनात्मक और नवीन प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। इसी के तहत भीष्म पितामह सवरेदय बाल विद्यालय के 12वीं के छात्र शमीम ने ई-बाइक तैयार की है, जिसकी कीमत बाजार में उपलब्ध ई-बाइकों से बहुत कम है। शमीम ने दिल्ली सरकार से मिली 16 हजार रुपये की सीड मनी से इस बाइक को बनाया है। यह सीड मनी शमीम सहित आठ छात्रों के समूह को दी गई थी, जिसे आपसी सहमति से सभी ने शमीम को ही सौंप दिया।
शमीम ने अतिरिक्त सात हजार लगाकर इसे 23 हजार में बनाकर तैयार किया। अब इस बाइक की कीमत अपनी मेहनत सहित उसने 30 हजार रुपये लगाई है। इस नवीन प्रयोग के लिए शमीम को अपने शिक्षकों, दोस्तों व रिश्तेदारों से काफी सराहना मिल रही है। शमीम के पिता एक इन्वर्टर की दुकान में काम करते हैं और मां घर की देखभाल करती हैं। शमीम चार भाइयों में सबसे छोटा है।
मेहनती और होनहार छात्र हैं शमीम: भीष्म पितामह सवरेदय बाल विद्यालय के विद्यालय प्रमुख प्रमोद कुमार ने बताया कि शमीम एक मेहनती और होनहार छात्र है। उसने जब इस बाइक का प्रस्ताव दिया था, तब किसी को अंदाजा नहीं था कि इतनी कम उम्र में यह बच्चा बाइक बना सकता है, लेकिन जब इलेक्टिक बाइक सामने आई और उसे सभी ने चलाकर भी देखा, तब उन्हें शमीम पर बहुत गर्व हुआ।
पूरा विद्यालय उसकी तारीफ कर रहा है। उन्होंने विद्यालय के एंटरप्रेन्योर माइंडसेट करिकुलम (ईएमसी) संयोजक एसके सिंह के साथ मिलकर यह फैसला किया है कि वह शमीम के प्रोजेक्ट की अलग फाइल तैयार करके आगे शिक्षा विभाग में भेजेंगे, ताकि शमीम और उसके काम को प्रोत्साहन मिल सके।