सुकर्मा ने समाज सेवा को बनाया जीवन का लक्ष्य
रितु राणा पूर्वी दिल्ली समाज सेवा को जीवन का लक्ष्य बनाने वाली सुकर्मा का 60 वर्ष की उम्र में
रितु राणा, पूर्वी दिल्ली
समाज सेवा को जीवन का लक्ष्य बनाने वाली सुकर्मा का 60 वर्ष की उम्र में भी उत्साह कम नहीं हुआ है। वे 15 वर्ष से योग, शिक्षा व पर्यावरण के लिए कार्य कर रही हैं। ईस्ट ज्योति नगर में रहने वाली सुकर्मा ने पारिवारिक जिम्मेदारियां पूरा करने के बाद अब सारा जीवन समाजसेवा के लिए समर्पित कर दिया है। वे कहती हैं कि सिर्फ अपने लिए जिये तो क्या जिये, समाज के लिए कुछ अच्छा कर जाएं तो ही जीवन सफल है। इसी बात को गांठ बांधकर वे लोगों को योग, शिक्षा व पर्यावरण के प्रति जागरूक कर रही हैं। उन्होंने कहा कि इन तीन चीजों से ही समाज में बदलाव लाया जा सकता है।
समाजसेवी सुकर्मा देवी कई सामाजिक अभियानों से जुड़ी हुई हैं। उनके अंदर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की ललक है। इस कारण इस उम्र में भी वे जगह-जगह घूमकर लोगों में जागरूकता लाने का काम कर रही हैं। वे कई वर्ष से ईस्ट ज्योति नगर स्थित राम पार्क में लोगों को योग करा रही हैं। कोरोना में लोग नहीं आ पा रहे तो वे उन्हें ऑनलाइन योग सिखाती हैं। उन्होंने बताया कि पार्क में 80 लोगों को वे योग कराती थीं, जिससे कई लोगों की बीमारियां भी दूर हुई। इससे प्रेरित होकर उनके पास आने वाले लोगों की संख्या बढ़ती गई। समय-समय पर वे शिक्षा जागरूकता अभियान भी चलाती हैं, जिसमें वे बच्चों से लेकर बुजुर्गो को भी पढ़ने-लिखने के लिए प्रेरित करती हैं। हरित भारत अभियान के तहत वह जगह-जगह हरियाली विकसित करने का काम भी कर रही हैं। दिल्ली एनसीआर के अलावा वे महाराष्ट्र, कर्नाटक व हरियाणा आदि जगहों पर जाकर भी लोगों को प्रकृति केंद्रित विकास अपनाने के लिए जागरूक करती हैं। सुकर्मा ने बताया कि योग से जहां हम शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ होते हैं, वहीं शिक्षा से आदर्श समाज की स्थापना होती है और पर्यावरण के बिना जो जीवन ही संभव नहीं है। इसलिए वे लोगों को इन तीनों का महत्व समझा रही हैं।