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दिल्ली में वायु प्रदूषण का कहरः CJI के पोते को पहनना पड़ता है मास्क

वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कदम उठाए जाने के मामले में सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू ने यहां तक कहा-‘प्रदूषण के कारण मेरे पोते को मास्क पहनना पड़ता है।’

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 06 Oct 2015 07:30 AM (IST)Updated: Tue, 06 Oct 2015 09:28 PM (IST)

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर खतरे की हद तक पहुंचने पर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता जताई। वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कदम उठाए जाने के मामले में सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू ने यहां तक कहा-‘प्रदूषण के कारण मेरे पोते को मास्क पहनना पड़ता है।’

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तीन सदस्यीय पीठ ने व्यावसायिक वाहनों पर प्रदूषण कंपन्सेटरी (क्षतिपूर्ति) शुल्क लगाने पर दिल्ली व केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। सरकार को 8 सितंबर तक अपना जवाब देना होगा। उसी दिन कोर्ट इस मामले में फिर सुनवाई करेगा।

मामले में न्याय मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कोर्ट से कहा कि व्यावसायिक वाहन पैसा बचाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग से नहीं गुजरते हैं, बल्कि दिल्ली के अंदर से होकर गुजरते हैं।

इस कारण दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातर बढ़ रहा है। साल्वे ने कहा कि सर्वे के मुताबिक करीब 20 हजार व्यावसायिक वाहन रोजाना दिल्ली में प्रवेश करते हैं। इसके कारण पीएम (पर्टिकुलेट मैटर) जो कि 25 होना चाहिए, बढ़कर 250 तक पहुंच रहा है।

वायु प्रदूषण गंभीर मसला

इससे अस्थमा और सांस लेने की अन्य दिक्कतें पैदा हो रही हैं। बढ़ते वायु प्रदूषण की गंभीरता बताते हुए साल्वे ने कहा कि मेरी पत्नी और बेटी को अस्थमा है और मुङो भी दो दिन पहले स्टेरॉयड लेनी पड़ी। उनकी दलीलों पर टिप्पणी करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि ये बहुत गंभीर मसला है।

अखबारों में हो रिपोर्टिंग

साल्वे की दलीलों और मुख्य न्यायाधीश की चिंता से सालिसीटर जनरल रंजीत कुमार ने भी सहमति जताई। मुख्य न्यायाधीश ने तो यह भी कहा कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान आज जो भी टिप्पणियां हुई हैं, उसकी अखबारों को रिपोर्टिग करनी चाहिए। यह खबर प्रमुखता से छपनी चाहिए।


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