राष्ट्रवाद की मजबूत नींव से रोजगार की उम्मीदों पर मतदान
देश की सत्ता की चाबी सौंपने के लिए मतदात केंद्र की तरफ बढ़ते लोगों के दिमाग में अपने-अपने मुद्दे छाए रहे। सुबह होने के साथ ही लोग मतदान करने के लिए बाहर आने लगे। वहीं चांदनी चौक और नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के अधिकांश इलाकों में तपिश बढ़ने के साथ ही राष्ट्र उत्सव में शामिल होने के लिए युवा ही नहीं
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली
देश की सत्ता की चाबी सौंपने के लिए मतदात केंद्र की तरफ बढ़ते लोगों के दिमाग में अपने-अपने मुद्दे छाए रहे। सुबह होने के साथ ही लोग मतदान करने के लिए बाहर आने लगे। वहीं, चांदनी चौक और नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के अधिकांश इलाकों में तपिश बढ़ने के साथ ही राष्ट्र उत्सव में शामिल होने के लिए युवा ही नहीं 80 से 90 वर्ष के बुजुर्गो ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया। किसी ने रोजगार की नई उम्मीदों के नाम पर वोट किया तो किसी ने देश की सुरक्षा व संप्रुभता को वैश्विक पटल पर और सशक्त बनाने के लिए। किसी ने परिवर्तन के लिए वोट किया तो किसी ने विकास की गति को और गति देने के लिए सत्ताधारी दल के लिए ईवीएम का बटन दबाया। पहले चरण से राष्ट्रवाद की धुरी पर घूम रहे आम चुनाव का असर दिल्ली में दिखाई दिया। देश की सुरक्षा मतदाताओं के लिए एक अहम मुद्दा रहा और उन्होंने इसी के आधार पर पांच साल का आकलन कर अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
राजधानी की हाई-प्रोफाइल व वीवीआइपी सीट में शुमार नई दिल्ली सीट के अलग-अलग मतदाता केंद्र पर पहुंचे युवाओं ने शिक्षा, रोजगार व देश की सुरक्षा के मुद्दे पर वोट किया। मार्डन कॉलेज में अपना पहला वोट करने वाली लावण्या ने शिक्षा व रोजगार के मुद्दे पर अपना वोट डाला। वहीं, लोक कल्याण मार्ग स्थित एयरफोर्स स्कूल के मतदान केंद्र में मतदान करके निकले गौरव ने कहा कि शिक्षा ही नहीं रोजगार भी अहम मुद्दा है। वहीं, पुलवामा घटना के बाद केंद्र सरकार की जवाबी कार्रवाई का भी असर देखने को मिला। पहली वार वोट डालने पहुंचे सौरभ ने कहते हैं देश का जवान ही हमारे लिए लड़ता है और जो देश की आन के लिए लड़े उसे ही सत्ता देकर मजबूत बनाना चाहिए। वहीं, इसी केंद्र पर वोट डालकर निकले पूर्व सैनिक ने कहा कि इस बार का मतदान राष्ट्रवाद के नाम पर है। देश रहेगा तभी तो हम रहेंगे।
मॉडल टाउन में बनाए गए मतदान केंद्र पर वोट डालकर निकले अभिनव एक व्यापारी हैं और उन्होंने सीलिग और जीएसटी के मुद्दे पर अपना वोट किया। उनका मानना है कि जीएसटी का सही तरीके से लागू नहीं करने में सरकार नाकाम रही। चांदनी चौक के जीबी रोड स्थित मतदान केंद्र पर वोट डालकर निकले सैने आलम का कहना है कि जीएसटी लगने के बाद व्यापार थम गया और अब उन्होंने विकास और व्यापार को गति देने के लिए वोट किया है। वहीं कासिम ने बेरोजगारी के मुद्दे पर वोट किया तो फराह ने कहा कि उन्होंने अपने मत से झूठ की राजनीति को जवाब दिया है।