मिड-डे मील में लगेगा पौष्टिकता का तड़का
पहल -अक्षय पात्र के सहयोग से स्कूलों में भोजन की गणवत्ता सुधारेगी सरकार -यह संस्था गुजरात, छत्ती
राज्य ब्यूरो,नई दिल्ली :सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को बेहतर व पौष्टिक मिड-डे मील देने के लिए दिल्ली सरकार अक्षय पात्र फाउंडेशन से मदद लेगी। गुजरात, छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में यह संस्था सेवा दे रही है। दिल्ली विधानसभा में मिड-डे मील पर चर्चा के दौरान शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि अक्षय पात्र फाउंडेशन की मदद से आने वाले दिनों में बेहतर मिड डे मील बच्चों को दिया जाएगा। संस्था के आधुनिक उपकरण व अनुभवी सेवा भाव की मदद से प्राथमिक स्तर पर 40 हजार बच्चों को और दूसरे स्तर में 1.5 लाख बच्चों को मिड-डे मील की सुविधा दी जाएगी। इस संस्था को रसोई घर के लिए जगह उपलब्ध करवाने की दिशा में काम किया जा रहा है। पूर्व उपराज्यपाल ने जमीन देने से मना कर दिया था। जिससे योजना आगे नहीं बढ़ पाई थी। मगर वर्तमान उपराज्यपाल ने सकारात्मक संकेत दिए हैं। उम्मीद है कि उपराज्यपाल जल्द इस दिशा में उचित निर्णय लेंगे। सिसोदिया ने कहा कि अभी ठेकेदारों के माध्यम से भोजन उपलब्ध करवाया जाता है। इनकी गुणवत्ता को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं। इसके लिए सरकार ऐसी नीति बना रही है जिसमें लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई का सख्त प्रावधान रखा गया है। इससे पहले इस मुद्दे पर चर्चा में भाग लेते हुए अकाली-भाजपा विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि मिड-डे मील को लेकर नियमों को सख्त बनाने की जरूरत है। यदि कोई एक बार भी गलती करता है तो उसका अनुबंध रद कर देना चाहिए। आप विधायक जरनैल सिंह ने कहा कि मिड-डे मील को लेकर कड़े नियम बनाने चाहिए। अक्सर देखा गया है कि बच्चों को दिया जाने वाला भोजन खाने लायक ही नहीं होता। हमें चाहिए कि व्यवस्था को बदला जाए। आप विधायक सहीराम ने कहा कि मिड-डे मील गरीब बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य का सहारा है। यदि बच्चों को सरकार बेहतर शिक्षा के साथ बेहतर स्वास्थ्य देना चाहती है तो मिड डे मील की सुविधा में सुधार करना होगा।