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पूर्वी निगम ने केंद्र से ब्याज रहित दो हजार करोड़ का लोन मांगा

सफाई कर्मचारियों की हड़ताल को देखते हुए पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने केंद्र सरकार से ब्याज मुक्त दो हजार रुपये लोन की मांग की है। इस संबंध में निगम आयुक्त द्वारा केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को मांग पत्र भेजा गया है। जिसमें कहा गया है कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम की हालत ऐसी हो गई कि वेतना देना तक मुश्किल हो रहा है। सफाई कर्मचारियों के एरियर देना तो दूर की बात है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 08:08 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 08:08 PM (IST)
पूर्वी निगम ने केंद्र से ब्याज रहित दो हजार करोड़ का लोन मांगा

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली :

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सफाई कर्मचारियों की हड़ताल को देखते हुए पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने केंद्र सरकार से ब्याज रहित दो हजार करोड़ रुपये का लोन मांगा है। इस संबंध में निगम आयुक्त की ओर से केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को मांग पत्र भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम की हालत ऐसी हो गई कि वेतन देना भी मुश्किल हो रहा है। सफाई कर्मचारियों का एरियर देना तो दूर की बात है।

सफाई कर्मचारियों की निर्वाचित यूनियन के साथ बातचीत में महापौर ने उन्हें जानकारी दी। महापौर बिपिन बिहारी ¨सह, स्थायी समिति के चेयरमैन सत्यपाल ¨सह और सदस्य राजीव चौधरी के साथ यूनियनों की बैठक हुई। इसमें यूनियन के पदाधिकारियों से आग्रह किया गया कि वे हड़ताल वापस ले लें, लेकिन यूनियन ने दो टूक कहा कि पिछले साल में जितनी भी हड़ताल हुई, उन्होंने कोरे आश्वासन के आधार पर तोड़ दिया, लेकिन वर्षो बीत जाने के बाद भी उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया है। इस बार हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तक उनकी मांगें पूरी न कर दी जाएं। सफाई कर्मचारियों में मुख्य मांगों में सभी कर्मचारियों के एरियर का भुगतान, सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बकाया लाभांश का भुगतान, कैशलेस मेडिकल कार्ड, अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करना और करुणामूलक आधार पर कर्मचारी के परिजनों को नौकरी देना आदि शामिल है।

महापौर व स्थायी समिति चेयरमैन ने कहा कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम की आर्थिक हालत काफी खस्ता है। दिल्ली सरकार चौथे वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर फंड नहीं दे रही है। यहां तक कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार जिद पर अड़ी हुई है। इससे हालत खराब हो गई है। काफी दलील देने के बाद भी सफाई कर्मचारियों ने उनकी बात नहीं मानी और बैठक बेनतीजा रही। राजीव चौधरी ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि दिल्ली सरकार ने किसी भी मद में निगम को पैसा नहीं दिया है।


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