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दोबारा सील तोड़ने पहुंचे मनोज तिवारी, पुलिस ने रोका

गोकलपुर गांव में दोबारा सील तोड़ने पहुंचे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व सांसद मनोज तिवारी को पुलिस ने बैरीकेड लगाकर पहले ही रोक लिया और जिससे कि वह उस डेयरी तक नहीं पहुंच पाए जिसकी सील उन्होंने दो दिन पहले तोड़ी थी। डेयरी को सोमवार को निगम ने फिर से सील कर दिया है। तिवारी के गोकलपुर पहुंचने से पहले ही भाजपा कार्यकर्ताओं से

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 09:21 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 09:21 PM (IST)
दोबारा सील तोड़ने पहुंचे मनोज तिवारी, पुलिस ने रोका
दोबारा सील तोड़ने पहुंचे मनोज तिवारी, पुलिस ने रोका

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली :

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गोकलपुर गांव में डेयरी की दोबारा सील तोड़ने सांसद मनोज तिवारी को मंगलवार को पहुंचे। पहले से सतर्क पुलिस ने उन्हें डेयरी तक पहुंचने के पहले ही रोक दिया। तिवारी के गोकलपुर पहुंचने से पहले ही गांव में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों व भाजपा कार्यकर्ताओं का हुजूम जमा हो गया था। यहां तक कि कांग्रेस व अन्य पार्टियों के लोगों ने भी तिवारी का साथ दिया। निगम अधिकारियों ने सांसद को आश्वस्त किया कि सीलिंग समस्या का समाधान दो दिनों में कर दिया जाएगा। सांसद ने चेतावनी दी कि वह दो दिनों बाद फिर गोकलपुर गांव आएंगे।

रविवार को गोकलपुर में हुई पंचायत के दौरान सांसद मनोज तिवारी ने एक डेयरी में लगाई गई सील तोड़ दी थी। सोमवार को निगम ने डेयरी को दोबारा सील कर दिया। इसके बाद सील को फिर से तोड़ने के लिए तिवारी मंगलवार को पहुंच गए। उनके आगमन के पूर्व ही इसकी जानकारी हो जाने से सैकड़ों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और गांव वाले मौके पर जमा हो गए। पुलिस ने भी पूरी सतर्कता बरती और तीन जगहों पर बैरिकेडिंग कर दी। लोगों को डेयरी से दूर हटा दिया गया और भारी संख्या में पुलिस तैनात कर दी गई। तिवारी सुबह 11 बजे पहुंचने वाले थे लेकिन वह करीब दो बजे पहुंचे। अधिकारियों ने 200 मीटर दूर ही उन्हें रोक दिया।

मौके पर तिवारी ने पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाते हुए सीलिंग का विरोध किया। उन्होंने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की आड़ में हो रही इस पक्षपातपूर्ण कार्रवाई के विरोध का दायरा सिर्फ गोकलपुर गांव ही नहीं होगा, बल्कि पूरी दिल्ली में जहां भी नाजायज तरीके से किसी गरीब का मकान सील किया जाएगा, मनोज तिवारी उसका विरोध करेगा। उन्होंने कहा कि हम गैर कानूनी सी¨लग और पिक एंड चूज की सी¨लग नीति के खिलाफ हैं और दिल्ली में कानून का शासन चाहते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों की मदद के लिए दिल्ली सरकार को भी हमारे साथ मिलकर सी¨लग का विरोध करना चाहिए। अगर सी¨लग की कोई कार्रवाई करनी ही है तो सबसे पहले सरकारी जमीन पर जो अवैध निर्माण हैं, उनके खिलाफ होनी चाहिए और इसकी शुरुआत यमुना तट से हो।

इस अवसर पर उत्साहित भीड़ ने 'मनोज तिवारी संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं' के नारे लगाए और सी¨लग के विरोध में सांसद मनोज तिवारी का पूरा साथ दिया। सांसद ने कहा कि वह सर्वोच्च न्यायालय का सम्मान करते हैं और किसी भी प्रकार से कानून को हाथ में नहीं लेंगे लेकिन जो लोग भेदभावपूर्ण कार्रवाई कर संवैधानिक संस्था का अपमान कर रहे हैं, उनके खिलाफ जरूर आवाज उठाएंगे। निगम अधिकारियों ने सांसद को दो दिनों में समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया। इस पर सांसद ने कहा कि अगर दो दिन के अंदर इस मामले में लोगों के पक्ष में कोई फैसला नहीं लिया गया तो वह फिर यहां जनता के साथ उसके जायज हक के लिए खड़े होंगे।

इस दौरान पूर्वी दिल्ली नगर निगम स्थायी समिति के चेयरमैन सत्यपाल ¨सह, जिलाध्यक्ष कैलाश जैन, अजय महावर, जोन चेयरमैन प्रमोद गुप्ता, मास्टर विनोद, प्रवेश शर्मा, डॉ. यूके चौधरी, रामनरेश पाराशर, युवा मोर्चा के प्रदेश प्रभारी मनोज त्यागी, पूर्व विधायक जितेंद्र महाजन, रणजीत कश्यप, निगम पार्षद निर्मला कुमारी, प्रकाश रंजन, अर¨वद नागर, आनंद त्रिवेदी मौजूद रहे। तिवारी को इस मुद्दे पर अन्य दलों के लोगों का भी साथ मिला। कांग्रेस नेता व गांव के निवासी हरीश चौधरी ने कहा कि निगम द्वारा गांव के लाल डोरा क्षेत्र में कार्रवाई की जा रही है, जो गलत है। निगम अधिकारी दिल्ली की आबोहवा को जहरीली बनाने वाली अवैध फैक्ट्रियों को सील नहीं कर रहे लेकिन गांव की डेयरी को सील कर रहे हैं जबकि गांव के लोगों को गाय भैंस पालन करने का हक है।

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फोटो-18ईएनडी-704, 705 छावनी में तब्दील रहा गोकलपुर गांव

गोकलपुर गांव में दोबारा सील तोड़ने पहुंचे सांसद मनोज तिवारी को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा भारी बंदोबस्त किया गया था। पूरे इलाके को सुबह से ही छावनी में तब्दील कर दिया गया था। 200 मीटर की दूरी में तीन बैरिकेड लगा दिए गए। यहां तक कि आसपास के घरों पर भी पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गई थी। जिस गली में डेयरी थी उस गली को दोनों ओर बैरिकेड कर बंद कर दिया गया था। इस कारण इस गली में रहने वाले लोग कुछ देर के लिए एक तरह से कैद हो गए थे। एहतियात के तौर पर गली के लोगों को कह दिया गया था कि सभी अंदर ही रहें ताकि किसी भी प्रकार की ¨हसा होने पर उन्हें नुकसान न पहुंचे।


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