खोदाई में मिलीं वस्तुओं के अध्ययन में आइआइटी की मदद लेगा एएसआइ
वीके शुक्ला, नई दिल्ली बागपत के सिनौली में खोदाई में मिले हथियार, रथ और शाही कब्र क्या मह
वीके शुक्ला, नई दिल्ली
बागपत के सिनौली में खोदाई में मिले हथियार, रथ और शाही कब्र क्या महाभारत के समय के हैं? भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) इसका पता लगाने के लिए आइआइटी की मदद लेगा। एएसआइ ने इस बाबत आइआइटी दिल्ली और मद्रास से बातचीत भी कर ली है।
इस खोदाई कार्य के प्रमुख तथा एएसआइ इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. संजय मंजुल का कहना है, 'खोदाई में मिले हथियार, शाही कब्र और रथ ऐसे साक्ष्य हैं, जिनसे उत्तर वैदिक काल को लेकर नए तथ्य सामने आ सकते हैं। हम महाभारत के समय से भी जोड़कर इनका अध्ययन कर रहे हैं। हम इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से बातचीत कर रहे हैं। आइआइटी दिल्ली व अन्य आइआइटी से भी बात की गई है। साथ ही अन्य किन एजेंसियों की मदद की जरूरत पड़ेगी इस बारे में एक माह में स्थिति कुछ साफ हो सकेगी।'
उल्लेखनीय है कि गत जून में सिनौली में राज परिवार के ताबूत के साथ आठ नरकंकाल मिले थे। बकौल एएसआइ, ये नरकंकाल 3800 से चार हजार वर्ष पुराने हो सकते हैं। साथ ही खोदाई में अन्य वस्तुएं भी मिली थीं, जिन्हें लाल किला में रखा गया है। यहां डॉ. संजय मंजुल के नेतृत्व में एएसआइ की केमिकल ब्रांच इन सभी पर काम कर रही है। एएसआइ के विशेषज्ञ भी मान रहे हैं कि ये उत्तर वैदिक काल को सिद्ध करने के लिए मजबूत साक्ष्य हो सकते हैं।
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क्या-क्या मिला था खोदाई में
खोदाई में एक राज परिवार का ताबूत मिला था। साथ ही तीन रथ मिले थे, जिनमें से दो में तांबे का इस्तेमाल भी है। भारतीय उपमहाद्वीप में यह पहला मौका था, जब ताबूत के साथ रथ मिले। रथ मिलना एएसआइ के लिए अध्ययन का नया विषय है। इनके अलावा मिट्टी के बर्तन, तांबे की तलवारें, मशाल व ढाल मिलीं।