लोकनायक अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर आज भी रखेंगे हड़ताल
लोकनायक अस्पताल के इमरजेंसी में गर्भवती महिला की मौत का मामला अभी पूरी तरह शांत नहीं हुआ है। दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों के संगठन फोर्डा की बैठक के बाद लोकनायक अस्पताल में हड़ताल करने की घोषणा की है।
नई दिल्ली। लोकनायक अस्पताल के इमरजेंसी में गर्भवती महिला की मौत का मामला अभी पूरी तरह शांत नहीं हुआ है। दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों के संगठन फोर्डा (फेडरेशन ऑफ दिल्ली रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन) के पदाधिकारियों व लोकनायक अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ मंगलवार रात बैठक हुई। इसके बाद रेजिडेंट डॉक्टरों ने बुधवार को भी लोकनायक अस्पताल में हड़ताल करने की घोषणा की है।
इसके चलते अस्पताल में ओपीडी में चिकित्सा सुविधाएं प्रभावित रहेंगी। ऐसे में मरीजों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इमरजेंसी सेवा जारी रहने की उम्मीद है। हालांकि फोर्डा ने तय किया है कि रेजिडेंट डॉक्टरों अस्पताल में डॉक्टरों पर हमला करने व नर्सिंग कर्मचारी के साथ मारपीट करने वाले लोगों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर डीसीपी से मिलेंगे।
फोर्डा अध्यक्ष डॉ. पंकज सोलंकी ने कहा कि यदि पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए ठोस आश्वासन नहीं देती है तो इमरजेंसी सेवा भी ठप किया जा सकता है। इसके अलावा पुलिस से मिले आश्वासन के बाद हम आगे की रणनीति तय करेंगे। जरूरी हुआ तो दिल्ली भर के सभी अस्पतालों में हड़ताल किया जाएगा। क्योंकि लोकनायक अस्पताल में हुई घटना सुरक्षा के लिहाज से बड़ी चूक है।
सरकार ने सभी अस्पतालों में सुरक्षा के मद्देनजर 500 होम गार्ड के जवान तैनात किए थे। अब वे होम गार्ड के जवान किसी भी अस्पताल में नहीं दिखते। इसके अलावा एक मरीज के साथ अस्पताल में एक तीमारदार को प्रवेश मिलना चाहिए। विशेष परिस्थितियों में दो तीमारदारों को प्रवेश की स्वीकृति दी जानी चाहिए।
इससे ज्यादा तीमारदारों को अस्पताल में प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए। आश्चर्य की बात है कि अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में 40-50 लोग प्रवेश कर उत्पाद मचाना शुरू कर दिया था। डॉक्टरों ने खुद को कमरे में बंद करके अपनी जान बचाई। एक नर्सिंग कर्मचारी की पिटाई भी कर दी गई थी। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाने चाहिए।