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नमोदेव्ये महादेव्यै -- मधु की पहल से शुरू हुई नर सेवा नारायण सेवा मुहिम

गौतम कुमार मिश्रा गौतम कुमार मिश्रागौतम कुमार मिश्रागौतम कुमार मिश्रागौतम कुमार मिश्रागौतम कुमार मिश्रागौतम कुमार लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों की मदद करने वाली महिला हेड कांस्टेबल मधु शर्मा दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के बीच एक जाना पहचाना नाम है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 04:39 PM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 04:39 PM (IST)
नमोदेव्ये महादेव्यै -- मधु की पहल से शुरू हुई नर सेवा नारायण सेवा मुहिम
नमोदेव्ये महादेव्यै -- मधु की पहल से शुरू हुई नर सेवा नारायण सेवा मुहिम

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों की मदद करने वाली महिला हेड कांस्टेबल मधु शर्मा दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के बीच एक जाना पहचाना नाम है। मधु ने लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों के लिए भंडारे का आयोजन किया। इनकी इस पहल ने देखते ही देखते नर सेवा नारायण सेवा मुहिम का रूप ले लिया। इस मुहिम के तहत दिल्ली पुलिस ने लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों की मदद करने का जो सिलसिला शुरु किया वह आज तक जारी है। लॉकडाउन में आलम यह रहा कि चाहे जरूरतमंदों के लिए दो समय के भोजन की व्यवस्था का मसला हो या फिर मास्क की उपलब्धता का, पुलिस ने हर मोर्चे पर अपना काम बखूबी किया। पुलिस को समाज सेवा में कार्य करता देख नजफगढ़ के निवासियों ने भी इस मुहिम में सहभागिता करनी शुरू कर दी।

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ऐसे हुई शुरुआत :

लॉकडाउन के दौरान कई लोग ऐसे थे जिनके पास खाने के लिए पैसे नहीं थे। सबसे बुरी स्थिति उन लोगों की थी जिनके घर में छोटे बच्चे थे। थाने के सामने एक दिन मधु ने कुछ छोटे बच्चों को रोते देखा। बच्चे भूख के कारण रो रहे थे। मधु इनके लिए केले लेकर आई। देखते ही देखते वहां कई बच्चे इकट्ठे हो गए। बच्चों के लिए मांगी मन्नत पूरी होने पर मधु ने अपने घर में चढ़ावे के लिए कुछ पैसे इकट्ठा किए हुए थे। मधु ने सोचा कि भगवान को सही चढ़ावा जरूरतमंदों की सेवा करना है। इसके बाद इन पैसों से इन्होंने थाना के सामने ही भंडारा किया। इसके बाद तो नजफगढ़ थाना में रोजाना भंडारे का सिलसिला शुरू हो गया। नजफगढ़ थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने मधु की पहल की काफी सराहना की। इनकी पहल से अधिकारियों को अवगत कराया। फिर देखते ही देखते मधु का साथ अन्य लोग भी देने लगे। भंडारे में दो वक्त के भोजन का इंतजाम करने के बाद धीरे- धीरे छोटे बच्चों के लिए दूध का इंतजाम भी पुलिस अपनी ओर से करने लगी। पुलिस ने लोग को मिल्क पाउडर वितरित करना शुरु किया ताकि जरूरत पड़ने पर मिल्क पाउडर से दूध बनाया जा सके। जो लोग बीमार थे, उनके लिए पुलिस फल का इंतजाम करती थी।


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