Move to Jagran APP

विरोध के बीच डीडीए के आदेश से खलबली

करीब डेढ़ साल से घोंडा-गुजरान में प्रस्तावित लैंडफिल साइट का विरोध हो रहा था। इसे देखते हुए नगर निगम और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने कदम खींच लिए थे। इस बीच डीडीए की ओर से यहां की जमीन पर कचरा प्रसंस्करण संयंत्र बनाने के लिए आदेश जारी होने से खलबली मच गई है। डीडीए ने यहां करीब 42.5 एकड़ जमीन निगम को प्रस्तावित की है। इसके विरोध में तीनों राजनीतिक दल उतर आए हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 11:01 PM (IST)Updated: Mon, 25 Mar 2019 11:01 PM (IST)
विरोध के बीच डीडीए के आदेश से खलबली
विरोध के बीच डीडीए के आदेश से खलबली

स्वदेश कुमार, पूर्वी दिल्ली

loksabha election banner

करीब डेढ़ साल से घोंडा-गुजरान में प्रस्तावित लैंडफिल साइट का विरोध हो रहा था। इसे देखते हुए नगर निगम और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने कदम खींच लिए थे। इस बीच डीडीए की ओर से यहां की जमीन पर कचरा प्रसंस्करण संयंत्र बनाने के लिए आदेश जारी होने से खलबली मच गई है। डीडीए ने यहां करीब 42.5 एकड़ जमीन निगम को प्रस्तावित की है। इसके विरोध में तीनों राजनीतिक दल उतर आए हैं।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी का कहना है कि उन्हें फिलहाल इसकी जानकारी नहीं है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यमुना के किनारे वह जीते जी कूड़े का पहाड़ नहीं बनने देंगे।

उधर, कांग्रेस नेता मुदित अग्रवाल ने इसके खिलाफ अनशन की चेतावनी दी है। उनका कहना कि कूड़े का पहाड़ बनाने के लिए पूरी दिल्ली पड़ी है। यमुनापार में पहले ही एक कूड़े का पहाड़ बना हुआ है, दूसरा नहीं बनने देंगे। उन्होंने कहा कि पॉश कॉलोनियों में इस तरह का प्रस्ताव नहीं आता है। उत्तर-पूर्वी जिले में गरीब लोग रहते हैं। इसलिए यहां जगह चुनी जा रही है।

वहीं घोंडा विधानसभा क्षेत्र के आप विधायक श्रीदत्त शर्मा ने भी चेतावनी दी है कि वह इसके खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगे।

गौरतलब है कि 2017 में गाजीपुर स्थित कूड़े के पहाड़ का एक हिस्सा गिरने से दो लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद ही घोंडा-गुजरान और सोनिया विहार के पास स्थित यमुना खादर की जमीन पर लैंडफिल साइट बनाने का प्रस्ताव दिया गया था। बाद में यह मामला एनजीटी और कोर्ट में चला गया। इसे लेकर भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की ओर से प्रदर्शन भी किए गए। नगर निगम में भाजपा सत्ता में है। इस वजह से आप और कांग्रेस ने इस प्रस्ताव के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया था। स्थानीय आरडब्ल्यूए भी इसके खिलाफ है। माना जा रहा है कि यमुना खादर में कूड़े का पहाड़ बना तो यहां रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ होगा, साथ ही यमुना पर भी खतरा रहेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.