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कोरोना संक्रमण से लैब टेक्नीशियन की मौत

नजफगढ़ में खेरा डाबर स्थित चौ. ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेदिक चरक संस्थान में कार्यरत गोपाल नगर निवासी 34 वर्षीय लैब टेक्नीशियन की रविवार शाम एलएनजेपी अस्पताल में मौत हो गई। उनसे संपर्क में आकर उनकी दो वर्षीय बेटी भी कोरोना संक्रमण ग्रस्त है। जबकि बेटे की जांच के लिए सैंपल लिए गए है और चिकित्सक उनकी रिपोर्ट का इंतजार है। सुकून की बात यह है कि उनकी पत्नी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। इस घटना के बाद से अस्पताल प्रशासन काफी सदमें में है। अस्पताल प्रशासन ने इस बावत दिल्ली सरकार से अपील की है कि वे उनके परिवार को एक करोड़ रुपये की सहायता धनराशि उपलब्ध कराए।

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Jun 2020 09:44 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jun 2020 09:44 PM (IST)
कोरोना संक्रमण से लैब टेक्नीशियन की मौत
कोरोना संक्रमण से लैब टेक्नीशियन की मौत

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : नजफगढ़ में खैरा डाबर स्थित चौ. ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेदिक चरक संस्थान में कार्यरत गोपाल नगर निवासी 34 वर्षीय लैब टेक्नीशियन की रविवार शाम एलएनजेपी अस्पताल में मौत हो गई। उनसे संपर्क में आकर उनकी दो वर्षीय बेटी भी कोरोना संक्रमित हो चुकी है, जबकि बेटे की जांच के लिए सैंपल लिए गए हैं और चिकित्सक उनकी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। सुकून की बात यह है कि उनकी पत्नी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। इस घटना के बाद से अस्पताल प्रशासन की चिता बढ़ गई है। अस्पताल प्रशासन ने इस बाबत दिल्ली सरकार से अपील की है कि वे उनके परिवार को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराए। साथ ही उनकी पत्नी की शिक्षा के अनुरूप उन्हें अस्पताल में नौकरी दी जाए। अस्पताल प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि अस्पताल के स्तर पर भी परिवार को मदद सुनिश्चित की जाएगी।

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अस्पताल प्रशासन के मुताबिक मृतक हाइपोथायरायडिज्म बीमारी से ग्रस्त थे। वे ड्यूटी करके स्वस्थ घर लौटे थे, लेकिन घर पर उन्हें खांसी और बुखार की शिकायत हुई। जिसके बाद उन्होंने अस्पताल प्रशासन को इस बाबत सूचना देने के बजाय निजी अस्पताल से संपर्क किया और कोरोना जांच कराई। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्होंने अस्पताल को इस बाबत जानकारी दी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल की आयुर्वेदिक दवाओं से उनकी हालत में काफी सुधार देखने को मिल रहा था, लेकिन ऑक्सीजन कम-ज्यादा होने के कारण चिकित्सकों को उनका इलाज करने में काफी परेशानी हुई। हालांकि चिकित्सकों ने उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर लगाया था, पर जब स्थिति संभालने में चिकित्सक असमर्थ साबित हुए तो उन्हें एलएनजेपी अस्पताल रेफर कर दिया गया। जहां से दो दिन बाद उनके मौत की जानकारी मिली।


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